अंतरिक्ष अनगिनत रहस्यों से भरपूर हैं। हमारी धरती से कोसों दूर कुछ न कुछ ऐसा होता रहता है जो आम आदमी के समझ से परे होता है। ऐसी ही एक विचित्र खगौलिय घटना आने वाली 20 अगस्त को घटने वाली है। तकरीबन 420 फुट चौड़ा एक एस्टेरॉयड 32,400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती के पास से गुजरेगा। इसका नाम Asteroid ‘2019 AV13′ बताया गया है जो इस साल पृथ्वी के पास से गुजरने वाले सबसे बड़े एस्टरॉयड्स में से एक है।
यूं तो अंतरिक्ष में सैकड़ों एस्टेरॉयड चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन डर तब होता है जब इन एस्टेरॉयड यानी उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह की दिशा पृथ्वी के करीब होती है। हजारों किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी से जब ये बड़े टुकड़ें धरती की सतह से टकराते हैं तो बड़े भूकंप या सुनामी का कारण भी बन सकते हैं। इस साल भी पृथ्वी के पास से कई एस्टेरॉयड गुजरे हैं लेकिन Asteroid ‘2019 AV13′ धरती के पास से गुजरने वाला सबसे बड़ा उल्कापिंड होगा जो खतरनाक भी साबित हो सकता है। नासा ने इसे “Potentially Hazardous Asteroid” की श्रेणी में रखा है।
एस्टेरॉयड की स्पीड और साईज़
एस्टेरॉयड ‘2019 एवी13′ को लेकर बताया जा है कि यह तकरीबन 420 फुट चौड़ा है और इसका आकार किसी बड़ी बिल्डिंग जैसा है। सिर्फ इतना ही नहीं वैज्ञानिकों के मुताबिक इस उल्कापिंड की स्पीड इस वक्त 32,400 किलोमीटर प्रति घंटे के करीब नापी गई है और इसी रफ्तार से यह Asteroid पृथ्वी के करीब आ रहा है। हालांकि राहत की बात है कि जब यह एस्टेरॉयड धरती के सबसे पास होगा तब इसकी और पृथ्वी के बीच की दूरी तकरीबन 32 लाख मील होगी। यह भी पढ़ें : Aliens दे चुके हैं धरती पर दस्तक, 8 जुलाई को हुआ था UFO Crash! देखें मरे परग्रही की रहस्यमयी फोटोज़
एस्टेरॉयड कितने खतरनाक
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कोई उल्कापिंड पृथ्वी की रेंज में तकरीबन 46 लाख मील अंदर आता है, तो यह धरती के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे एस्टेरॉयड को नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEOs) की श्रेणी में रखा जाता है। इन एस्टेरॉयड्स पर नासा लगातार नजर रखता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी एक साथ हजारों एस्टेरॉयड्स की स्टडी करता है ताकि भविष्य में आने वाले खतरों के बारे में जानकारी मिल सके और धरती को बचाया जा सके।
क्या होता है एस्टेरॉयड
एस्टेरॉयड को हिंदी में उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह कहते हैं। किसी ग्रह के निर्माण के समय उससे छोटे-छोटे चट्टान के टुकड़े निकलकर बाहर आ जाते हैं और सूर्य की प्रक्रिमा करते लगते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि यह अपनी कक्षा से बाहर चले जाते हैं अंतरिक्ष में बेलगाम दौड़ने लगते हैं। आमतौर पर ग्रहों की कक्षा में एस्टेरॉयड जल जाते हैं, लेकिन बड़े एस्टेरॉयड कभी-कभी ग्रहों से टकरा जाते हैं। धरती से भी एस्टेरॉयड की टक्कर हो चुकी है।