Apple का नाम जब भी आता है तो प्रीमियम क्वॉलिटी के मोबाइल फोंस ही दिमाग में आते हैं। Apple iPhone दाम में तो महंगे होते ही है लेकिन साथ ही इस फोंस की सिक्योरिटी और प्रोसेसिंग भी लाजवाब होती है। आईफोंस में हैंग होने की समस्या देखने को नहीं मिलती है और ये हर वक्त स्मूथ और लैग फ्री काम के लिए पहचाने जाते हैं। लेकिन एप्पल की छवि के उल्ट इस कंपनी पर एक बड़ा आरोप लगा है कि Apple ने जान-बूझकर अपने पुराने iPhones मॉडल्स को स्लो किया है ताकि लोग नए आईफोन मॉडल को खरीद लें।
Apple पर यह बड़ा और संगीन आरोप Spain Consumer Protection Organization (OCU) ने लगाया है। इस संगठन का कहना है कि अमेरिकी कंपनी एप्पल ने अपने आईफोंस के पुराने मॉडल्स पर ऐसी अपडेट्स भेजी है जिन्हें फोन में डाउनलोड करने के बाद यूजर्स के आईफोन घीमे हो गए हैं। एप्पल पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि यह सब कंपनी की सोची समझी स्ट्रेटजी थी, जिससे कि पुराने आईफोंस की प्रोसेसिंग स्लो हो जाए और एप्पल यूजर नए आईफोन मॉडल्स को परचेज कर लें।
iOS updates ने स्लो किए iPhone
Spanish consumer rights agency का आरोप है कि Apple ने iOS 14.5, iOS 14.5.1 और iOS 14.6 अपडेट के जरिये iPhones को स्लो किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक आईओएस के इन वर्ज़न को आईफोन फोन में इंस्टाल करने के साथ मोबाइल की प्रोसेसिंग स्पीड में कमी देखी गई है और ऐप ओपनिंग से लेकर टच रिस्पांस तक बेहद ज्यादा स्लो हो गए है हैं। सिर्फ इतना ही नहीं आई आईओएस अपडेट के बाद iPhone की बैटरी तेजी से ड्रेन होने की बात भी सामने आई है।
Apple की सोची समझी चाल
OCU ने आईओएस अपडेट के बाद आईफोन के स्लो हो जाने को एप्पल की सोची समझी चाल कहा है। संगठन का मानना है कि एप्पल कंपनी ने जानबूझकर अपनी ओएस अपडेट के माध्यम से आईफोंस की प्रोसेसिंग धीमी की है ताकि मोबाइल यूजर इससे परेशान होकर नए आईफोन मॉडल्स को खरीदना शुरू कर दें। रिपोर्ट के अनुसार नई अपडेट के बाद iPhone 8 और iPhone XS के साथ ही iPhone 11 और नए iPhone 12 में भी समस्या देखने को मिली है।
कंपनी से मांगा जवाब
Apple पर अपने iPhones को स्लो किए जाने का आरोप लगाने के साथ ही स्पेन कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइज़ेशन ने अमेरिकी टेक ब्रांड को पत्र लिखते हुए इस मामले पर जवाबदेही मांगी है। फिलहाल तो एप्पल ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है लेकिन अगर एप्पल पर लगाया गया यह बड़ा आरोप सच साबित हो जाता है कि एक तरह जहां इस कंपनी को करोड़ों का जुर्माना भुगतना पड़ेगा वहीं दूसरी ओर Apple पर भरोसा करने वाले लाखों iPhone यूजर की निराशा भी झेलनी पड़ेगी।