फेस्टिवल सीज़न दस्तक देने वाला हैै और अगस्त से ही इसकी शुरूआत हो गई है। रक्षा बंधन और 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में देश जुट चुका है और Amazon Flipkart जैसी ऑनलाईन शॉपिंग साइट्स ने भी अपनी कमर कस ली है। फ्लिपकार्ट पर Big Saving days और अमेज़न पर great freedom festival की शुरूआत हो चुकी है। आने वाले महीनों में कई अन्य तरह की सेल भी इन शॉपिंग साइट्स पर आयोजित होंगी जिनमें ढ़ेर सारे ऑफर, डिस्काउंट, कूपन, कैशबैक तथा फ्री गिफ्ट मिलेंगे। बहुत से लोग इस सेल में नए प्रोडक्ट खरीदने की योजना बनाते हैं। लेकिन ऑनलाईन खरीदारी से पहले कुछ ऐसी बातें भी है जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है, नहीं तो आप बड़ी ठगी का शिकार हो सकते हैं। अगर आप भी अमेज़न, फ्लिपकार्ट या फिर किसी अन्य ई-कॉमर्स साइट से कुछ नया खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो अगे लिखे प्वाइंट्स आपको जरूर पढ़ने चाहिए।
ऐसे करें सुरक्षित Online Shopping
ऑफर को सही से समझें
शाॅपिंग साइट का होम पेज ओपन करते ही सामने आता है 80 प्रतिशत तक का डिस्काउंट या फिर 15,000 रुपये तक का कैशबैक। इस तरह की लाईन्स पढ़कर ही लोग उत्साहित हो जाते हैं और जल्द से जल्द वह सामान खरीदने की कोशिश करते हैं। लेकिन यहां ‘UP To’ पर ध्यान न देना बड़ा नुकसान कर सकता हैं। अमेज़न या फ्लिपकार्ट पर इस तरह की शाॅपिंग के दौरान कोई भी प्रोडक्ट ‘कार्ट’ में डालने से पहले उसपर मिल रहे ऑफर को ठीक से समझना जरूरी है। अलग-अलग बैंक कार्ड, वाॅलेट व यूपीआई पेमेंट पर अलग-अलग बेनिफिट मिलता है, इसलिए खरीदारी से पहले इन सभी ऑफर्स अच्छे से परखने के बाद ही आगे बढ़ना समझदारी है।
टर्म एंड कंडीशन्स को पहचानें
बड़ा डिस्काउंट या भारी कैशबैक देखकर लोग शाॅपिंग शुरू तो कर देते हैं लेकिन उस बेनिफिट के लिए जरूरी ‘Terms & Conditions’ को दरकिनार कर देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर अमेज़न यूपीआई से पेमेंट करते पर यदि 20 प्रतिशत का कैशबैक मिल रहा है तो उसकी एक कंडिशन यह भी है कि, यूपीआई आईडी मैनुअली नहीं सब्मिट करानी है। इसी तरह एक्सचेंज ऑफर में कोई पुराना फोन 8,000 रुपये में निकल तो रहा है लेकिन उसकी कंडिशन है कि बाॅडी पर डेंट नहीं होना चाहिए, और अगर हुआ तो वह 8,000 रुपये नहीं मिलेंगे। इस तरह की कई टर्म एंड कंडीशन्स ऑनलाईन शाॅपिंग में जारी की जाती है जिन्हें शाॅपिंग से पहले बारिकी से पढ़ना और समझना बेहद जरूरी है।
छूट और डिस्काउंट की पूरी डिटेल
ऑनलाईन सेल में सबसे ज्यादा कोई चीज लुभाती है तो वह होता है डिस्काउंट। अमेज़न हो या फ्लिपकार्ट, इन शाॅपिंग साइट्स पर किसी भी प्रोडक्ट का पुराना मूल्य दिखाया जाता है और फिर उसके साथ प्रोडक्ट पर मिल रही छूट और फिर डिस्काउंट के बाद का प्राइस। उदाहरण के तौर एक किसी प्रोडक्ट का वास्तविक मूल्य 20,000 बताया गया है और उसपर 5,000 रुपये की छूट के बाद सेल प्राइस 15,000 बताया गया है। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि क्या वाकई में उस प्रोडक्ट का प्राइस 20,000 रुपये ही है। ऐसे वक्त में लोगों का ध्यान सिर्फ 5,000 रुपये की छूट पर जाता है और उस प्रोडक्ट के ऐक्चूअल प्राइस को चेक ही नहीं करते हैं। हो सकता है कि उस प्रोडक्ट का ऐक्चूअल प्राइस 15,600 रुपये ही हो न कि 20,000 रुपये। इसलिए अन्य वेबसाइट्स व मार्केट प्लेटफाॅर्म पर उस प्रोडक्ट की असली कीमत भी जांचना जरूरी है।
सेलर को पहचाना जरूरी
चलिए यहां सीधे स्मार्टफोन खरीदने का उदाहरण रखकर बात करते हैं। मान लें कि आपको Apple या Samsung का कोई नया मोबाइल फोन खरीदना है। आप फोन की मिल रहे ऑफर और डिस्काउंट को तो पढ़ लेते हैं, लेकिन इस बात पर शायद ही कभी गौर करते होंगे कि उस फोन को बेच कौन रहा है। बता दें कि ऑनलाईन शाॅपिंग सेल में ऐसा नहीं होता कि Apple का फोन है तो एप्पल ही बेच रही होगी और सैमसंग फोन है तो Samsung ही बेचेगी। अमेज़न व फ्लिपकार्ट जैसी शाॅपिंग साइट्स पर सीधे कंपनी अपना सामान नहीं बेचती है बल्कि प्रोडक्ट को बेचने वाले ‘Seller’ अलग होते हैं। ऐसे में सिर्फ मोबाइल फोन ही नहीं बल्कि अन्य सामान खरीदने से पहले अच्छे से देख लें कि सेलर कौन है। उस सेलर के लिए कुछ रिव्यू व फीडबैक भी पढ़ लें तो बेहतर होगा।
पेमेंट में बरते अतिरिक्त सावधानीर
सामान 500 रुपये का हो या 50,000 का। ऑनलाईन शाॅपिंग के दौरान इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि आपके द्वारा की गई पेमेंट पूरी तरह से सिक्योर रहे। बैंक कार्ड्स, यूपीआई आईडी और वाॅलेट इत्यादि को पूरी तरह से सुरक्षित रखें और अपनी निजी डिटेल किसी के साथ भी शेयर न करें। यदि आपने कैश-ऑन-डिलीवरी के तहत सामान खरीदा है तो डिलीवरी वाले को भी पेमेंट करते वक्त अपनी बैंकिंग डिटेल न दें। यदि आपकी ओर पेमेंट रिक्वेस्ट की गई है तो जल्दीबाजी में उसे एक्सेप्ट न करें बल्कि ध्यानपूर्वक अमाउंट को भी चैक कर लें।