इस समय लगभग हर टेलीकॉम कंपनी भारत में 5जी सेवाएं लाने की तैयारी में लगी हुई है। अगर सबकुछ प्लान के अनुसार होता चला गया तो इस साल के आखिर तक भारत की प्रमुख निजी दूरसंचार कंपनियों (रिलायंस जियो, एयरटेल और वीआई) के 5G नेटवर्क लॉन्च करने की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, केवल एक चीज जो संभावित रूप से इन कंपनियों को भारतीय बाजार में 5G पेश करने में देर कर सकती है और वह है स्पेक्ट्रम नीलामी। सरकार ने अभी तक नीलामी की एक निश्चित तारीख की घोषणा नहीं की है, इसलिए अभी भी कोई निश्चित तारीख नहीं है जिस पर हम उम्मीद कर सकते हैं कि 5G भारत में आएगा। वहीं, कुछ समय पहले दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले कहा था कि 5जी की नीलामी इस साल जून में हो सकती है। वहीं, इन सबके बीच धीरे-धीरे सरकारी कंपनी BSNL भी आगे बढ़ रही है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएनएल 2023 में 5जी सेवाएं शुरू करेगी। वहीं, इस साल बीएसएनएल का फोकस 4जी नेटवर्क लॉन्च करने पर रहेगा।
BSNL 5G
पीटीआई की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएनएल भारत में 2023 में अपनी 5जी सेवाओं को पेश करेगा। वहीं, 2022 के लिए कंपनी अपने 4जी बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करेगी। राज्य द्वारा संचालित टेल्को कथित तौर पर स्वदेशी 4 जी नेटवर्क लॉन्च करने का लक्ष्य बना रही है। वास्तव में, इसने C-DoT (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स) और TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के साथ साझेदारी में पहले ही एक देशी 4G कोर विकसित कर लिया है।
बताया जा रहा है कि कंपनी 4G कोर पर 5G लॉन्च करेगी, जिसका अर्थ है कि वह भारत में 5G सेवाओं को लॉन्च करने के लिए 5G NSA तकनीक का लाभ उठाएगी। लेकिन, बीएसएनएल को ऐसा करने में सक्षम होने के लिए, उसे देश में 4जी बुनियादी ढांचे की जरूरत है, इसलिए देरी हो रही है।
15 अगस्त को होगा BSNL 4G+5G सर्विस का ऐलान
कुछ महीने पहले मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि 5जी नेटवर्क को नन स्टैंडअलोन (NSA) मोड में 15 अगस्त को लॉन्च किया जा सकता है। इससे यूजर्स को बिना एंड-टू-एंड 5G नेटवर्क के 5जी सर्विस दी जाएगी। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है।
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BSNL 4G
बीएसएनएल और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) एक साथ मिलकर 4जी सेवाएं पेश करेंगी। यह पहली बार होगा जब 4जी सेवाओं के लिए भारतीय तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस बात की जानकारी BSNL के डायरेक्टर Sushil Kumar Mishra ने दी है। आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम चार्ज और एजीआर के बकाये पर 4 साल का मोरेटोरियम देने का भी निर्णय लिया था।