सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल को लेकर काफी समय से खबरें सामने आ रहीं थीं कि कर्ज के बोझ तले दोनों कंपनियों का भविष्य क्या होगा। वहीं, बुधवार को मोदी सरकार ने BSNL-MTNL पर बड़ा फैसला किया है। दरअसल, कैबिनेट बैठक में बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय की योजना को मंजूरी दे दी गई है।
काफी लंबे समय से घाटे में चल रही इन दोनों सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि काफी समय से खबर सामने आ रही थी कि सरकार दोनों सरकारी टेलिकॉम कंपनियों को सरकार बंद कर सकती है। इन्हीं अटकलों को लेकर सरकारी कर्मचारी काफी परेशान थे। हालांकि, सरकार की ओर से सामने आई इस खबर के बाद दोनों कंपनियों के बंद होनी की बात सिर्फ अफवाह साबित हो गई है। इसे भी पढ़ें: BSNL सब्सक्राइबर्स के लिए खुशखबरी, इस प्लान में हर महीने मिलेगा अतिरिक्त 1.5 जीबी डाटा
Union Cabinet approves revival plan of BSNL (Bharat Sanchar Nigam Limited)&MTNL (Mahanagar Telephone Nigam Limited)&in-principle merger of the two. Spectrum of 4G to be allocated to Telecom PSEs (Public Sector Enterprises).VRS (voluntary retirement scheme) packages to be offered. https://t.co/KluEorlN9A
— ANI (@ANI) October 23, 2019
कैबिनेट के इस फैसले की घोषणा टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया। घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि अतीत में बीएसएनएल के साथ काफी नाइंसाफी हुई है। हम बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय की योजना पर काम कर रहे हैं।
रविशंकर प्रसाद के मुताबिक बीएसएनएल के लिए आकर्षक वीआरएस पैकेज लेकर आया जाएगा. इसके साथ ही 4 जी स्पेक्ट्रम के लिए करीब 4000 करोड़ रुपए बजटीय
प्रावधान करेंगे। उन्होंने बताया कि अगले 4 साल में 38000 करोड़ रुपए को मोनेटाइज किया जाएगा। वहीं 15 हजार करोड़ के बॉन्ड भी जारी किए जाएंगे। इसे भी पढ़ें: BSNL ने बढ़ाई 108 रुपए वाले प्लान की उपलब्धता, मिल रहे हैं ये बेनिफिट्स
बता दें कि घाटे में चल रही बीएसएनएल ने 4जी स्पेक्ट्रम आबंटन को लेकर 2015 में सरकार को आवेदन दिया था और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना पैकेज के बारे में मंजूरी मांगी थी जो 2009 से लंबित थी।