तमाम टेक कंपनियां व मोबाईल निर्माता भारत जैसे बड़े मोबार्इल बाजार में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। कंपनियों की बीच मची इस प्रतिस्पर्धी लड़ाई का फायदा सीधे तौर पर आम लोगों को ही होता है, जब मोबाईल फोन कम कीमत पर बिकते हैं। लेकिन आज देश में पेश हुए बजट ने मोबाईल कंंपनियों समेत आम जनता को भी झटका दिया है। सरकार की ओर से कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है जिसके बाद मोबाईल फोन की कीमतों में वृद्धि होना तय है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज साल 2018-19 का बजट पेश किया है। इस बजट में तमाम घोषणाओं के बीच मोबाईल फोन पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को भी 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। यानि अब बाहर देशों से भारत में आने वाले स्मार्टफोन व फीचर फोन पर लगने का वाला शुल्क 5 फीसदी ज्यादा होगा और इससे मोबाईल फोन की कीमतों में भी उछाल आएगा।
कस्टम ड्यूटी में बदलाव होने से भारत में बनने वाले स्मार्टफोन और बाहर से आयात होने वाले मोबाईल की कीमतों के बीच खासा अंतर देखने को मिल सकता है। कस्टम ड्यूटी बढ़ने से जहां एप्पल, सैमसंग, शाओमी, सोनी, ओपो और वीवो जैसी कंपनियों के मोबाईल अब पहले से ज्यादा मंहगें हो जाएंगे। वहीं देश में बनने वाले फोन की कीमत कम रहेंगी।
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वहीं दूसरी ओर आशा की जा रही है कि भारत जैसे बढ़ते बाजार पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए तथा अपने फोन की पहॅुंच आम जनता तक आसान रखने व कम कीमत पर ही फोन उपलब्ध कराने के लिए ये टेक कंपनियां अब भारत में ही इनके निर्माण पर जोर दे सकती है।
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ऐसे में साफ है यदि बाहर से आने वाले स्मार्टफोन व फीचर फोन यदि देश में ही बनने लगेंगे तो न सिर्फ उन मोबाईल्स की कीमतें भी कम होगी बल्कि देश में प्रोडक्शन शुरू होने पर हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा और देश की अर्थवयवस्था की मजबूत होगी।