आज पूरे विश्व समेत भारत में भी इंटरनेट यूज़ के लिए गूगल का ही सर्वाधिक यूज़ किया जाता है। किसी भी सवाल का जवाब चाहिए हो तो सबसे पहले गूगल ही नज़र आता है। करोड़ों लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बना हुआ गूगल भी अब भारतीय नीतियों का शिकार हुआ है। देश ने विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन पर 136 करोड़ का जुर्माना लगाया है और पूरे संसार में गूगल को लेकर अब तक ऐसा कोई मामला देखने को नहीं मिला है।
मामला दरअसल यह है कि साल 2012 में मेट्रोमॉनी डॉट कॉम और कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी ने गूगल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सरकार के समक्ष खिलाफ शिकायतें दर्ज की थी। इन कंपनियों ने गूगल पर आरोप लगाया था कि गूगल आॅनलाईन सर्च बाजार में आगे आने के लिए गूगल सर्च में हेराफेरी कर रहा है।
गूगल के खिलाफ लगे इन आरोपो में गूगल पर भारतीय बाजार में अनुचित व्यापारिक नीतियां अपनाने की शिकायत की गई थी। इन आरोपों के बाद अब साल 2018 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सर्च इंजन गूगल को दोषी मानते हुए इसपर 135.86 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
सीसीआई ने कहा है कि गूगल के खिलाफ दायर की गई शिकायतों के बाद गूगल पर व्यापार के क्षेत्र में भरोसा तोड़ने वाला व्यवहार अपनाने का दोषी पाया गया है और इसके मुआवजे के तौर पर गूगल को अब तकरीबन 136 करोड़ रुपये की रकम चुकानी होगी।
आपको बता दें कि सीसीआई ने यह 136 करोड़ की बड़ी रकम गूगल पर जुर्माने के तौर पर नहीं चुनी है। बल्कि सीसीआई ने आदेश दिया है कि वित्त वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 के दौरान गूगल को भारत में हुई कुल आय की च फीसदी राशि को बतौर जुर्माना चुकाना होगा। और इन तीन सालों मे गूगल की कुल आय का महज़ 5 प्रतिशत तकरीबन 135.86 करोड़ बनता है।