गृह मंत्रालय (एमएचए) की सिफारिशों के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने चीन से था संबंधित 138 बेटिंग ऐप्स और 94 लोन देने वाले ऐप्स को बैन कर दिया है। सरकार ने IT Act Section 69 के तहत कुल 230 ऐप्स को भारत में बैन किया है। सूत्रों की मानें तो इस बात की पुष्टि शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने कर दी है। वहीं, बताया जा रहा है कि जबरन वसूली और आम लोगों के उत्पीड़न की शिकायतों पर सरकार की ओर से यह कार्रवाई की गई है।
ऐप्स का चीन से था संबंध
बताया जा रहा है कि यह ऐप चीनी नागरिकों के दिमाग की उपज थे जिन्होंने कथित तौर पर भारतीयों को काम पर रखा था और उन्हें की प्रमुख निदेशक बनाया गया था। रिपोर्टों के अनुसार, हताश व्यक्तियों को लोन लेने का लालच दिया जाता था और फिर उनसे सालाना 3,000 प्रतिशत तक का ब्याज वसूला जाता था। वहीं, जब ग्राहक ब्याज नहीं चुका पाता था तो इन एप के प्रतिनिधियों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर देते थे।
बताया जा रहा है कि ऐप्स के कई प्रतिनिधियों ने ग्राहकों को धमकी दी कि वे कर्ज लेने वालों की मॉर्फ्ड तस्वीरें जारी करेंगे और उन्हें बदनाम करेंगे। यह मामला कई आत्महत्याओं के बाद सुर्खियों में आया, खासकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में, उन लोगों द्वारा, जिन्होंने इस तरह के ऐप से कर्ज लिया और सट्टेबाजी के ऐप में पैसे खो दिए।सूत्रों के अनुसार तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने तब केंद्रीय गृह मंत्रालय से ऐप के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।
इनपुट्स के आधार पर, गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले 28 चीनी लोन देने वाले ऐप का विश्लेषण शुरू किया था। उन्होंने पाया कि ई-स्टोर पर 94 ऐप उपलब्ध हैं और अन्य थर्ड-पार्टी लिंक के जरिए काम कर रहे हैं। ये ऐप अब स्मार्टफोन पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सट्टेबाजी के ऐप और गेम अब स्वतंत्र लिंक या वेबसाइटों के माध्यम से डाउनलोड किए जा रहे हैं।