आज कल भरतीय टेलीकॉम मार्केट में बड़ा शोर है। एक ओर जहां पिछले साल टैरिफ रेट को बढ़ा दिया गया है, इससे यूजर्स में रोष है जो थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं दूसरी ओर इस साल 5जी सर्विस को भारत में लॉन्च होना है इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सरकार द्वारा साफ कर दिया गया है कि जल्द ही 5G सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम का ऑक्शन हो सकता है और जिसके बाद भारत में 5G सर्विस की राह आसान हो जाएगी। वहीं आज रिलायंस ने यह घोषणा कर दी है कि कंपनी भारत के 1,000 शहरों से 5G सर्विस की शुरुआत करने वाली है। इसके बाद से टेलीकॉम इंडस्ट्रीज में और हलचल बढ़ गई है। परंतु यूजर्स हैं उनकी अलग ही मांग है। यूजर्स का कहना है कि 5जी और 6जी सर्विस का क्या करें पहले जो 4जी हैं उनमें सुधार करो।
हमें इस तरह के मैसेज और कमेंट अपने सोशल अकाउंट के माध्यम से मिले हैं। हाल के दिनों में हमने भारतीय टेलीकॉम सर्विस को लेकर कई खबरें की हैं और जब भी इस तरह की कोई खबर होती है, यूजर्स का यही कमेंट होता है कि पहले जो सर्विस यूजर्स को दी जा रही है पहले उसमें सुधार हो फिर बात 5G या 6G सर्विस की की जानी चाहिए। इसे भी पढ़ें : ये 28 दिनों को महीना बना कर बेच रहे हैं और BSNL 90 दिन एक्स्ट्रा दे रहा
जब से सर्विस हुई महंगी मांग हुई तेज
वैसे तो इस तरह के कमेंट मोबाइल यूजर्स शुरू से की रहे थे। परंतु जब से निजी सेवा प्रदाता कंपनी Airtel, Jio और Vodafone Idea ने अपने टैरिफ रेट में इजाफा किया है तब से यह मांग और ज्यादा हो गई है। चाहे बिहार हो या फिर उत्तर प्रदेश, उड़ीसा या बंगाल, महाराष्ट्र या फिर राजस्थान हर जगह पर यूजर्स यही कमेंट कर रहे हैं कि 5जी सर्विस या 6जी सर्विस लाने की बात बाद में करनी चाहिए पहले सही तरीके से 4जी सर्विस मिले और हर जगह यूजर्स को नेटवर्क प्राप्त हो।
फिर से सर्विस महंगा होने का है डर
हालांकि यूजर्स के इस मांग के पीछे एक और कारण है। यह कि 5G सर्विस या 6G, वे जान रहे हैं कि छोटे शहरों और दूर दराज के इलाकों में नेटवर्क समस्या रहेगी ही। क्योंकि जब 2G सर्विस थी तो भी, इसके बाद 3जी और अब 4जी सर्विस आने के बाद भी उनके क्षेत्र में नेटवर्क में कोई सुधार नहीं हुआ है। हां! एक चीज जरूर हुआ कि पिछले दो साल में दो बार टैरिफ शुल्क में इजाफा किया गया है। ऐसे में ऑपरेटर सर्विस अपग्रेड के नाम पर शुल्क जरूर बढ़ा देंगे लेकिन नेटवर्क का हाल वही होगा जैसा कि पहले था। इसलिए यूजर्स यही डिमांड कर रहे हैं कि पहले 4G नेटवर्क ठीक से चला लो फिर 5G और 6G की बात करना। इसे भी पढ़ें : BSNL अपनाओ का दिखने लगा असर, धड़ल्ले से नंबर हो रहे हैं पोर्ट
टेलीकॉम कंपनियां पहले ही कह चुकी हैं यह बात
हालांकि आपको बता दूं कि भले ही यूजर्स सर्विस महंगा होने की वजह से 5जी के बजाए 4जी सर्विस को सही करने की मांग कर रहे हों लेकिन टेलीकॉम कंपनियां पहले ही कह चुकी हैं कि टैरिफ रेट में और इजाफा होगा। हाल में भारती एयरटेल के फाउंडर और चेयरमैन, सुनील भारती मित्तल ने कहा था कि वे भारत में ARPU यानी ऐवरेज रेवेन्यू पर यूजर को बढ़ाना चाहते हैं और आने वाले दिनों में उसे 600 रुपये तक ले जाना चाहते हैं। इससे आप स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं कि भारतीय मोबाइल सर्विस में किस कदर टैरिफ रेट बढ़ने वाला है।
इतना ही नहीं हाल में मुकेश अंबानी ने यह बयान दिया है कि फिलहाल जियो का आरपू 151.6 रुपये तक आ गया है और आने वाले दिनों में इसे और बढ़ने के आसार हैं। आप समझ सकते हैं कि देश की दो सबसे बड़ी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी ने जब इस तरह का बयान दे दिया है तो टैरिफ रेट कहां तक जाने वाला है। इसे भी पढ़ें : जानें क्यों कंपनियां रिचार्ज पर देती हैं 28 दिनों की वैलिडिटी, सिर्फ 2 दिन बचाकर करती हैं अरबों की कमाई
आरपू का आशय ऐवरेज रेवेन्यू पर यूजर होता है। यानी प्रति यूजर्स कितना पैसा कंपनियों को मिल रहा है। जैसे कई यूजर महीने में 100 रुपये खर्च करते हैं तो कई 500 रुपये खर्च। इन सभी को जोड़कर यूजर्स के हिसाब से औसत निकाला जाता है और वही आरपू है। फिलहाल भारत में आरपू 150 रुपये से 160 रुपये के आसपास है लेकिन आने वाले दिनों में यह और ज्यादा होने वाला है।
4G स्पीड में इंडिया फिसड्डी
विश्व भर में लगभग 60 से ज्यादा देशों में 5जी सर्विस शुरू कर चुकी है। वहीं इंडिया में भी इस साल आने की बात है। सबसे खास बात यह कही जा सकती है कि जियो ने 6जी के क्षेत्र में भी कदम बढ़ा दिया है। विश्व पटल को देखें तो 5G में हम थोड़ी देर कर चुके हैं। वहीं 6G की तैयारी अभ से ही की जा रही है यह अच्छी बात है। इसमें फिलहाल हम ज्यादा पीछे नहीं है। परंतु 4जी सर्विस को लॉन्च हुए 6 साल से ज्यादा हो गए हैं पर हालत बेहद ही खराब है। विश्व भर के 4जी रैंकिंग को देखें तो भारत 115वें पायदान पर है। speedtest.net/global-index देखें तो यहां 4जी की औसत स्पीड 14.7 mbps की है जो कि 3जी की अधिकतम स्पीड के आधे सभी कम है। 3G सर्विस में एचएसडीपीए टर्बो सर्विस के तहत 42mbps की स्पीड मिलती है। परंतु भारत में हम जी में 15mbps को छू नहीं पा रहे हैं।
हालांकि यह स्पीड भी शहरों की बदौलत दिख रही है। वरना गांवों में तो अब भी छत पर चढ़कर ही बात करनी होती है और यूट्यूब बिना बफर किए नहीं चलता है। ऐसे में यूजर्स जो खर्च कर रहे हैं वह भी व्यर्थ जा रहा है।
यूजर्स की मांग है सही
इन सभी बातों को अगर गौर करें तो यही यूजर्स की मांग आपको बिल्कुल सही लगेगी। क्या करेंगे 5G का जब 4G नेटवर्क भी सही से नहीं मिल रहा है। 5G के नाम पर सर्विस महंगा करने से अच्छा है कि 4G नेटवर्क को ही बेहतर किया जाए और यूजर्से को राहत दिया जाए।
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