बेशक नेटफ्लिक्स और प्राइम वीडियोज़ जैसे OTT प्लेटफॉर्म का क्रेज इंडिया में बढ़ रहा है लेकिन केबल चैनल अभी भी टेलीविज़न में अहम रोल अदा करते हैं। दैनिक धारावाहिक हो या न्यूज़, सभी लोग अपनी-अपनी पसंद के अनुसार टीवी देखते हैं और मनोरंजन करते हैं। अक्सर टेलीविज़न पर कोई क्रिकेट मैच या किसी नाटक व शो के दौरान आपने देखा होगा कि टीवी स्क्रीन पर कुछ अलग से नंबर बीच-बीच में आते रहते हैं। ये नंबर टीवी देखने का मज़ा तो खराब करते ही हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये नंबर क्यों आते हैं और मजेदार कार्यक्रम के बीच में स्क्रीन घेरने के पीछे इनका मकसद क्या है ?
कब आते हैं ये नंबर
सच बताऊं तो टीवी पर मैं ज्यादातर टाईम द कपिल शर्मा शो और तारक मेहता का उल्टा चश्मा देखता हूं। इसी तरह आपके भी कुछ फेवरेट नाटक होंगे। अगली बार जब आप कोई क्रिकेट का मैच या कपिल शर्मा शो इत्यादि देख रहे हों तो अपने दोस्त को भी उसके घर में वही चैनल देखने के लिए कहिए। टीवी देखने के दौरान आपकी स्क्रीन पर जब नंबर फ्लैश होगा तो आपके दोस्त के घर में भी उसके टीवी पर वैसा ही नंबर दिखाई देगा। लेकिन जब आप दोनों नंबरों को मिलाएंगे तो पाएंगे कि आपके टीवी में आया नंबर अलग था और आपको दोस्त के टीवी में आया नंबर अलग था।
यानि अलग-अलग यूजर्स के टीवी पर दिखने वाले ये नंबर भी अलग-अलग ही होते हैं। और इसकी वजह है आप लोगों के घरों में लगा सेट-टॉप बॉक्स। यह सेट-टॉप बॉक्स बेशक किसी भी कंपनी का हो, सभी पर इस तरह के यूनिक नंबर दिखाए जाते हैं। सभी सेट-टॉप बॉक्स के लिए अगल नंबर बनाए जाते हैं और इसीलिए सभी के टीवी में दिखने वाले ये नंबर भी दूसरों से अलग होते हैं। इसे VC number यानि व्यूइंग कार्ड नंबर भी कहा जाता है।
क्यों दिखते हैं ये नंबर
यह सवाल अभी तक दिमाग में घूम रहा होगा कि आखिर इन नंबरों की जरूरत ही क्या है और क्यों अच्छे-भले शो का मजा खराब करने के लिए इन्हें बीच स्क्रीन पर चिपका दिया जाता है। तो चलिए आपको बता दें कि लाईव मैच, इंटरटेनमेंट व रियालिटी शो और दैनिक धारावाहिक के दौरान स्क्रीन पर फ्लैश होने वाले इन नंबरों की मुख्य वजह है पायरेसी और कंटेंट की चोरी को रोकना। यह भी पढ़ें : अमेरिका ने लगाया Xiaomi पर प्रतिबंध, क्या डूबने लगा है कंपनी का नाम, क्या है आपकी राय ?
दरअसल ऐसे बहुत से लोग हैं जो टीवी पर आ रहे कंटेंट को अपने यूट्यब चैनल व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करते हैं। जैसे क्रिकेट मैच की लाईव स्ट्रीमिंग अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर चला देना और किसी शो व नाटक की रिकॉर्डिंग करके उसे अपनी प्रोफाइल में अपलोड कर देना जैसी कुछ हरकतें पायरेसी के घेेरे में आती है। और प्रसारण मंत्रालय ऐसी पायरेसी को लगाम लगाना चाहता है।
टीवी स्क्रीन पर आने वाले ये नंबर यूजर के सेट-टॉप बॉक्स की यूनिक आईडी होती है जिसमें उसका नाम व एड्रेस जैसी डिटेल शामिल होती है। इस तरह यदि कोई टीवी पर चल रहे शो या मैच की रिकॉर्डिेग करेगा तो स्क्रीन पर आने वाले नंबर भी उसमें रिकॉर्ड हो जाएंगे और जब वह रिकॉर्डिंग या लाईव प्रसारण कहीं पर शेयर किया जाएगा तो साथ में नंबर भी सोशल मीडिया पर अपलोड हो जाएंगे। और इस नंबर की वजह से उस पुलिस सीधे व्यक्ति के घर पर पहुॅंच कर उसको पकड़ सकती है।