डिजीटल इंडिया की छांव में आज देश में कई ई-कॉमर्स साइट, पेमेंट बैंक, डिजीटल वॉलेट और पेमेंट ऐप बन रही है। अनेकों की इस भीड़ किसी एक को चुनना आम जनता के लिए आसान नहीं होता। किसी तरह भरोसा कर के लोग इन डिजीटल लॉकर्स में पैसा तो जमा कराते हैं लेकिन सिक्योरिटी और निजता का डर बना रहता है। देश के नाम डिजीटल बैंक एयरटेल पेमेंट बैंक को लेकर ऐसा ही मामला सामनें आया है जिसमें आरबीआई ने एयरटेल का दोषी मानते हुए उसपर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया है।
दरअसल एयरटेल पेमेंट बैंक को परिचालन संबंधी दिशानिर्देशों और केवाईसी प्रक्रिया में धांधले बाजी करने का दोषी पाया गया है और इस संदर्भ में भारतीय रिजर्व बैंक ने एयरटेल पेमेंट बैंक पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक का कहना है कि एयरटेल पेमेंट बैंक ने ग्राहकों की सहमति के बिना ही अपने बैंक में उनका खाता खोल दिया था और स्वयं ही लोगों की निजी जानकारी के जरिये केवाईसी की प्रक्रिया के साथ ही खिलवाड़ किया है।
आरबीआई की जांच रिपोर्ट के अनुसार एयरटेल पेमेंट बैंक में 23 लाख से भी ज्यादा ग्राहकों के खातों में तकरीबन 47 करोड़ रुपये जमा हुए थे, जब्कि इस बात की जानकारी स्वयं उन खाताधारकों को भी नहीं थी। जब आरबीआई ने निरीक्षण किया और दस्तावेज़ों की छानबीन की तो यह बात सामनें आई की एयरटेल पेमेंट बैंक ने बैकिंग परिचालन से जुड़े नियमों का उल्लघंन किया है।
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यह छान बीन पिछले साल नंवबर व दिसंबर माह के दरम्यान चली और 15 जनवरी को रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की तरफ से एयरटेल पेमेंट बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया। एयरटेल पेमेंट बैंक की दलीलों तथा व्यक्तिगत सुनवाई के बाद एयरटेल को दोषी करार दे दिया गया है और सजा के तौर पर एयरटेल पेमेंट बैंक पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।
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गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की ओर से यह पूर्ण रूप से सुनिश्चित किया गया है कि इस गड़बड़ी और बाद में एयरटेल पेमेंट बैंक पर लगाए गए जुर्माने के बावजूद उसके लेनदेन और बैंक के ग्राहकों के पैसे तथा समझौतों पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा।