इंडिया में तेजी से बन रहे एंटी-चाइना सेंटिमेंट्स के बीच चीनी मोबाइल कंपनियों को ज़ोरदार झटका लगा है। यह सेंटिमेंट्स भारत-चीन सीमा विवाद के बाद ज्यादा देखे गए थे। इन्ही के कारण भारतीय ग्राहकों ने चाइनीज कंपनियों का बहिष्कार किया। दरअसल, साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सीमा विवाद का सबसे ज्यादा फायदा सैमसंग और भारतीय मोबाइल ब्रांड लावा को हुआ है। इसी दो देखते हुए सैमसंग भारतीय बाजार में सबसे पसंदीदा मोबाइल ब्रांड बन गया है।
यह सर्वे इस साल अगस्त और सितंबर 2020 के दौरान टियर-I और टियर-II शहरों में किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार टियर -I शहरों के मुकाबले टियर-II शहरों में एंटी-चाइना माहौल ज्यादा देखने को मिला है। वहीं, ज्यादा संख्या में ग्राहक चीनी स्मार्टफोन ब्रांड की बजाय ग्लोबाल ब्रांड Samsung और Nokia को पसंद कर रहे हैं। साथ ही लोकल स्मार्टफोन ब्रांड Lava को भी काफी पसंद किया जा रहा है। इसे भी पढ़ें: OnePlus 8T vs Xiaomi Mi 10T, देखें कौन निकलता है आगे और किसे मिलती है मात

48 फीसदी लोगों को पसंद भारतीय फोन
सर्वे के अनुसार सैमसंग, ओप्पो, वीवो और लावा कंज्यूमर्स का कहना है कि वे उनकी स्मार्टफोन्स से खुश हैं। वहीं, 48 फीसदी लोग चीनी ब्रैंड्स की जगह लावा जैसे ऑप्शन को देऱ रहे हैं। देख मेड इन इंडिया R&D और डिजाइन होने के कारण इंडिया उपभोक्ता ज्यादातर लावा को पसंद कर रहे हैं।
73 फीसदी तक कम हुई चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी
अमित शर्मा, विश्लेषक -इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप, सीएमआर के अनुसार, ‘2020 की दूसरी तिमाही में भारतीय मोबाइल बाजार में चाइनीज कंपनियों की हिस्सेदारी 73 फीसदी तक कम हुई है। इसका मुख्य कारण सप्लाई में कमी और चीन विरोधी माहौल है। इंडिया में मौजूद चार में से एक रिटेलर को चीन विरोधी अभियान का सामना करना पड़ा है।’ इसे भी पढ़ें: Samsung स्मार्टफोंस पर मिल रही है 6 महीने की एक्स्ट्रा वारंटी, वो भी पूरी तरह मुफ्त, जानें कैसे उठाएं लाभ
सीमा विवाद है मुख्य कारण
सीएमआर की रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि भारत में सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर लोग चीनी ब्रैंड्स का बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसा होने से शाओमी, रियलमी, ओपो, वीवो और दूसरी कंपनियों को नुकसान हो सकता है।