फोन पर अन-नॉन नंबरों से आ रही कॉल को पहचानने तथा कॉलर के नाम व उससे जुड़ी अन्य जानकारी को बताने वाली ऐप Truecaller का यूज़ इंडिया के लगभग हर शहर में किया जा रहा है। इस ऐप को हर उम्र के लोग अपने फोन में इंस्टाल किए हुए हैं और इसका यूज़ कर रहे हैं। यह ऐप यूं तो बड़े काम की है लेकिन Truecaller से जुड़ा एक ऐसा सनसनीखेज़ मामला सामने आया है जो न सिर्फ Truecaller को सवालों के घेरे में खड़ा करता है बल्कि साथ ही इस ऐप पर से यूजर्स का भरोसा भी उठ सकता है।
Truecaller पर आरोप लगा है कि इस ऐप में जमा भारतीय यूजर पर पर्सनल डाटा चोरी छिपे बेचा जा रहा है। एक सायबर सिक्यॉरिटी एनालिस्ट ने ट्रूकॉलर पर यह आरोप लगाते हुए कहा है कि इस ऐप में मौजूद इंडियन यूजर्स का डाटा डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। यह डाटा 2,000 यूरो यानि तकरीबन 1.5 लाख रुपये की कीमत पर चोरी छिपे बिक रहा है जिसकी भनक तक ट्रूकॉलर यूज़ करने वाले लोगों को नहीं है।
पूरी दुनिया में Truecaller को तकरीबन 14 करोड़ मोबाइल यूजर्स द्वारा यूज़ किया जाता है। इस 14 करोड़ में 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय यूजर्स है। इस ऐप पर इंडियन यूजर्स के फोन नंबर के साथ-साथ इनके राज्य व शहर के पते के साथ ही इनके प्रोफेशन की जानकारी भी मौजूद है। अनेकों यूजर अपने Truecaller अकाउंट पर फोटो लगाए हुए हैं तथा साथ ही यह भी लिखे हुए हैं कि वह किस कंपनी में क्या काम करते हैं। यह भी पढ़ें : नोकिया के स्मार्टफोन पर मिल रहा 6,000 रुपए तक का डिस्काउंट, ऐसे उठाएं फायदा
Truecaller पर उपलब्ध यह सारा डाटा कंपनी के डाटाबेस से निकाल पर डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि Truecaller यूज़ करने वाले ग्लोबल यूजर के डाटा की कीमत 25,000 यूरो यानि तकरीबन 19.45 लाख रुपये है। वहीं भारतीय के डाटा को 1.5 लाख रुपये में बेचा जा रहा है। चिंता की बात यह है कि इस डाटाबेस में कई इंडियन फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस का डाटा भी शामिल है।
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब Truecaller पर इस तरह के आरोप लगे हैं। कुछ महीनों पहले भारतीय खुफिया एंजेसियों ने एक एडवाइजरी जारी कर कुछ ऐप्लीकेशन्स की लिस्ट जारी की थी। इन ऐप्स पर आरोप लगा था कि ये देश में जासूसी का काम कर रही हैं। एजेंसियों ने सुरक्षा बलों के जवानों और अधिकारियों को इन ऐप्स को जल्द से जल्द डिलीट करने का आदेश दिया था तथा साथ ही भारतीयों को ये ऐप्स फोन में इंस्टाल करने से भी मना किया था।यह भी पढ़ें : इंडिया में मोबाइल यूजर्स की गिनती 116 करोड़ के पार, जानें किसका हुआ फायदा और किसका नुकसान
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस सूची में Truecaller ऐप का नाम भी टॉप पर था। वहीं दूसरी ओर Truecaller ने अपने डाटा बेस में सेंध लगने की बात से साफ इंकार किया है। ट्रूकॉलर कर कहना है कि, “हमारे सर्वर पर सेव यूजर्स का डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है और हम अपने यूजर्स की प्राइवेसी और कंपनी की सर्विसेज की सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेते हैं।“