टेलीकॉम सेक्टर में अपने अच्छे दिन का इंतजार कर रही Vodafone Idea को हाल ही में फिर झटका लगा जब एक रिपोर्ट में सामने आया कि Vi का सब्सक्राइबर बेस एक साल में 26.98 करोड़ के घटकर 24.72 करोड़ पर पहुंच गया है। कंपनी काफी समय से अपने ग्राहकों को लुभाने और अपने बिजनेस को बचाने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। लेकिन, अभी तक कंपनी को राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही। वहीं, अब एक बार फिर ऐसी खबर सामने आई है, जिससे VI ग्राहक को झटका लग सकता है। दरअसल, खबर सामने आई है कि घाटे में चल रही टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया इस साल भी मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ा सकती है, लेकिन यह कंपनी के नवंबर में किए गए टैरिफ में वृद्धि पर बाजार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। इस बारे में कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को जानकारी दी।
फिर महंगे होंगे प्लान
PTI की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी सामने आई है। वोडाफोन आइडिया के एमडी और सीईओ रविंदर टक्कर ने कहा कि लगभग एक महीने की सर्विस वैलिडिटी देने वाले सबसे सस्ते प्लान की कीमत कंपनी ने 99 रुपए तय की गई है जो 4G सेवाओं को यूज करने वाले यूजर्स के हिसाब से ज्यादा महंगा नहीं है। इसके अलावा टक्कर ने आगे यह भी कहा कि इस साल एक बार फिर से प्लान्स को महंगा किया जा सकता है। इसे भी पढ़ें: Vodafone Idea ने यूजर्स के जले पर फिर छिड़का नमक, अब इस रिचार्ज में कम कर दिया 100GB डाटा
कम हो रहे यूजर्स
काफी समय से देखने को मिल रहा है कि सब्सक्राइबर बेस के मामले में वोडाफोन-आइडिया को नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्लान्स के महंगे होने के बाद वोडाफोन-आइडिया का सब्सक्राइबर बेस एक साल में 26.98 करोड़ के घटकर 24.72 करोड़ पर आ गया है। वहीं, टैरिफ महंगे होने के बाद भी कंपनी के ARPU यानी प्रति यूजर औसत रेवेन्यू में 5 प्रतिशत की कमी आई है और यह 115 रुपए हो गया है, जो साल 2020-21 की इसी तिमाही में 121 रुपए था। इसे भी पढ़ें: Vodafone idea के सबसे धमाकेदार प्लान, बिना लिमिट के यूज करें जितनी मर्जी उतना डाटा!
लेटेस्ट वीडियो
Vodafone Idea को चलाएगी इंडियन गवर्नमेंट
आपको बता दें कि भारत सरकार का कर्ज न चुका पाने की वजह से भारत सरकार ने वोडफोन आइडिया के एक बड़े हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है। अब वीआई का 35.8 प्रतिशत हिस्सा इंडियन गवर्नमेंट के अधीन हो गया है। यानी कंपनी के इतने हिस्से को भारत सरकार अपने तरीके से यूज़ कर सकती है या फिर किसी अन्य कंपनी को बेच सकती है और इतने हिस्से की कमाई सीधे अपने यानी सरकारी खाते में जमा कर सकती है। 35.8% हिस्सा Indian government का हो जाने के बाद अब Vodafone group के पास 28.5% और आइडिया वाले Aditya Birla Group के पास सिर्फ 17.8% हिस्सा बचा है।