Zombie Virus: Corona Virus ने तकरीबन दो साल तक पूरी दुनिया को अपने घरों में बंद रहने के लिए मजबूर कर दिया था। COVID 19 की त्रासदी को लोग भुला नहीं पाएं हैं जिसने लाखों लोगों की जान ले ली। लेकिन अब इससे भी बड़ा खतरा मानवजाति पर मंडरा रहा है। खबर आ रही है कि 48 हजार साल से ग्लेशियर में दबा पड़ा बेहद ही खतरनाक Zombie Virus फिर से सतह पर आ गया है। यह जॉम्बी वायरस इंसानियत के लिए बेहद भयानक है जो अपनी पृथ्वी के अंत का कारण भी बन सकता है।
Zombie Virus
जॉम्बी वायरस हजारों साल बर्फ में दबे रहने के बाद फिर से बाहर निकल आया है। यूरोप के वैज्ञानिकों को रूस के साइबेरिया इलाके के पर्माफ्रॉस्ट से कुछ सैंपल मिले हैं जिन्हें Zombie Virus Siberian Permafrost कहा गया है। साइंटिस्ट ने इन पर्माफ्रॉस्ट का परीक्षण करने के लिए इन्हें पुनर्जीवित कर दिया है। वैज्ञानिकों ने इन्हें ‘जाम्बी वायरस’ का नाम दिया है। न्यूयार्क पोस्ट के मुताबिक जमी हुई बर्फ में कई हजार साल तक रहने के बावजूद ये वायरस संक्रामक बने रहे हैं और अब इन्हें फिर से जीवित करने के बाद एक और महामारी का खतरा भी जाग चुका है।
48,500 साल बाद जागा खतरनाक वायरस
वैज्ञानिकों द्वारा ढूंढे गए ये जॉम्बी वायरस 48 हजार साल से भी ज्यादा समय से ग्लेशियर्स में दबे हुए थे। इनकी सबसे खतरनाक बात यही है ये वायरस अभी भी मरे नहीं हैं बल्कि सो रहेे हैं। माइनस डिग्री तापमान ने इन्हें पूरी तरह से मरने नहीं दिया तथा अब साइंटिस्ट द्वारा अध्ययन किए जाने के बाद सामने आ रहा है कि ये वायरस सतह पर आने के बाद इंसान, पशु-पक्षी और पेड़-पौधे सभी को अपना टारगेट बना सकते हैं और यह स्थिति बेहद विनाशकारी साबित हो सकती है।
ग्लेशियर पिघलने से बढ़ेगा खतरा
प्रीप्रिंट रिपॉजिटरी बायोरेक्सिव के आर्टिकल अनुसार लाखों सालों से जमे ग्लेशियर्स में कई तरह के प्राचीव जीव व वायरस मौजूद है। जैसे-जैसे गोलार्थ की बर्फ पिघलेगी, ये वायरस व जीव उपर सतह पर आ जाएंगे। सूरज, धूप और हवा के सपंर्क में आने के बाद हो सकता है कि ये वायरस फिर से एक्टिव हो जाएं और तेजी से अपना प्रजन्न करने लगे। ऐसी स्थिति में ये प्राचीन जीव व वायरस धरती के कोने-कोने तक पहुंच जाएंगे जो खुद को जिंदा रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पूरी मानवजाति नष्ट कर सकते हैं वायरस
पर्माफ्रॉस्ट को ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से फायदा पहुंच रहा है। जमी बर्फ से बाहर आने के बाद कोई वायरस या जीव अपने फैलाव में कितना समय लेगा, यह कहना मुश्किल है। लेकिन अगर इनका इन्फेक्शन धरती के पर्यावरण में फलने-फूलने लगा तो इन्हें कैसे रोका जाएगा तथा अगर कोई इंसान या पशु-पक्षी इनसे संक्रमित होता है तो उन्हें ठीक कैसे किया जाएगा। इस सब बातों का हमारे पास अभी कोई भी जवाब नहीं है।