डॉक्टरों को पता नहीं चल रही थी बीमारी, ChatGPT ने बचाई कुत्ते की जान

कुत्ते के लक्षण ChatGPT में डालने के बाद एआई चैटबॉट ने कुत्ते की बीमारी बता दी, जिसके बाद उसकी जान बच पाई

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Highlights

  • ChatGPT ने कुत्ते के लक्षण से बताई कौन सी बीमारी हो सकती है।
  • AI से मिली जानकारी के बाद डॉक्टरों के परामर्श से कुत्ते की जान बची।
  • GPT-4 को लेकर कंपनी का दावा है कि यह 20 से ज्यादा व्यवसाय बदल सकती है।

ChatGPT इन दिनों सुर्खियों में है, जहां कुछ दिनों पहले ChatGPT ने कुछ कठिन प्रतिस्पर्धात्मक परिक्षाओं को पास कर लिया था अब इसने एक योग्य डॉक्टर की तरह कुत्ते की जान बचाई है। ट्विटर पर एक यूजर ने ट्वीट कर बताया कि उसके कुत्ते को बीमारी एक पशु चिकित्सक को पता नहीं चल पाई लेकिन जब उसने चैटजीपीटी पर लक्षण डालें तो उसे सही समाधान मिल गया। Open-AI ने GPT-4 को लेकर दावा किया था कि यह 20 अलग अलग व्यवसायों को बदल सकता है, लेकिन उसमें पशु चिकित्सा जैसे पेशा भी है इसका उल्लेख नहीं था।

ट्वीटर यूजर कूपर ने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चैटबॉट ने कुत्ते को हुई टिक-ब्रोन बीमारी का पता लगा कर उसकी जान बचाई। कूपर का कुत्ता, सैसी शुरुआत में चल रहे इलाज से ठीक हो रहा था, लेकिन अचानक एनीमिया बिगड़ने से उसकी हालत काफी चिंताजनक हो गई थी। कई पशु चिकित्सकों से परामर्श करने के बाद भी कुत्ते की हालत में सुधार नहीं आ रहा था।

ChatGPT की सलाह से बची जान

इसके बाद कूपर ने कुत्ते की हालात का विवरण एआई चैटबॉट GPT4 में डाला और जीपीटी ने बताया सैसी के लक्षणों से पता चलता है कि उसे हेमोलिटिक एनिमिया हो सकता है। इस नई जानकारी के साथ कूपर ने पशु चिकित्सक से संपर्क किया और सैसी का फिर से इलाज शुरू किया गया और वह पूरी तरह से ठीक हो गई। इस तरह ChatGPT ने कुत्ते की जान बचाई। कूपर ने समझदारी दिखाते हुए ChatGPT पर आंखमूंद कर विश्वास नहीं किया और डॉक्टर की सलाह जरूर ली। यह भी पढ़ें : खूब सुर्खियां बटोर रहा है ChatGPT; बड़ा ही आसान है इसे इस्तेमाल करना, यहां जानें प्रोसेस

सिर्फ टूल की तरह करें इस्तेमाल

एआई का इस्तेमाल एडिशनल इंफॉर्मेशन के लिए एक टूल के रूप में किया जा सकता है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा संभव है कि आगे चलकर चिकित्सा के मामले में भी एआई की भूमिका बढ़ सकती है। हमारी भी सलाह रहेगी कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए AI पर निर्भर न रहें बल्कि डॉक्टरों और विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें। कोई भी इलाज या दवा सिर्फ डॉक्टर की निगरानी में ही करें।

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