ऐसा कई फिल्मों में दिखाया गया है कि वैज्ञानिक आविष्कार कंट्रोल से बाहर हो जाते हैं तथा इंसान द्वारा बनाई गई मशीन इंसानियत पर ही हावी हो जाती है। इस तरह की कल्पना जब हकिकत बनकर सामने आती है जो टेक्नोलॉजी की तरक्की पर ही सवाल खड़े होने लगते हैं। मानवता के फायदे से लिए बनाई गई तकनीक ने एक मानव की ही जान ले ली है। यह भयानक हादसा साउथ कोरिया में हुआ है जहां एक रोबोट ने इंसान को मौत के घाट उतार दिया है।
Robot ने ली इंसान की जान
साउथ कोरियन न्यूज एजेंसी के हवाले से खबर सामने आई है कि वहां एक रोबोट ने इंसान का कत्ल कर दिया है। हालांकि इसे हादसा करार दे दिया गया है तथा मौत की वजह एक ‘गलती’ बताई गई है। खबर के अनुसार Robotic Arm (रोबोट के हाथ) में कुछ गड़बड़ी आ गई जिसके चलते वह रोबोट, इंसान और डिब्बे में फर्क ही नहीं कर पाया! साउथ कोरिया में हुई इस दुर्घटना ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार हादसे के वक्त कर्मचारी, रोबोट के सेंसर ऑपरेशन को चेक कर रहा था। इसी दौरान रोबोट ने उस कर्मचारी को डिब्बा समझ लिया। ऑब्जेक्टिव सेंस करते ही रोबोटिक आर्म ने उस शख्स को अपनी मशीनी ताकत से जकड़ लिया तथा जोर से उछाल कर फेंक दिया। रोबोट द्वारा व्यक्ति को जोर से पकड़े जाने तथा वहीं मौजूद ऑटोमैटिक पैनल की ओर फेंके जाने के चलते कर्मचारी का चेहरा और छाती बुरी तरह कुचल गई।
इंसानी शरीर की वजन और दबाव सहने की एक क्षमता होती है। लेकिन उस रोबोट ने अपनी मशीनी शक्ति से उसे बुरी तरह जकड़ लिया था। इस दुर्घटना के बाद तुरंत ही उस व्यक्ति को नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां उसे मृत करार दे दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार उस रोबोट के सेंसर में पहले भी खराबी आ चुकी थी तथा उसे टेस्ट किया जा रहा था। यह दुखद हादसा भी Robotic Arm की टेस्टिंग के दौरान घटित हुआ है।
टेक्नोलॉजी और विज्ञान, संत या शैतान?
दक्षिण कोरिया से सामने आए इस हादसे ने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है, क्या जरूरत से ज्यादा विज्ञान का विस्तार तथा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मानवजाति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है? अगर वाकई में मशीनें या टेक्नोलॉजी आउट ऑफ कंट्रोल हो गई तो उसे संभाला जाना आसान होगा? साउथ कोरिया वाली दुर्घटना का असली जिम्मेदार किसे ठहराया जाना चाहिए? क्या सिर्फ ‘तकनीक खराबी’ बोलकर किसी भी इंसान की जिंदगी के साथ समझौता किया जा सकता है?