जब भी किसी चीज का जवाब ढूंढना हो तो SmartPhone उठाते हैं डायरेक्ट Google करते हैं। इंटरनेट और ब्राउजिंग की दुनिया में गूगल सबसे बड़ा नाम बन चुका है। सभी तरह के Android Phone आज Google OS पर ही चलते हैं। लेकिन ज़रा सोचिए इतना भरोसा करने के बाद आपको पता चले कि गूगल भी घपला और गोलमाल कर सकता है, तो कैसा लगेगा। Google से जुड़ी ऐसी ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसके अनुसार गूगल कंपनी को कॉपीराइट उल्लंघन का दोषी पाया गया है और इसके लिए Google पर 500 मिलियन यूरो यानी तकरीबन 4,400 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है।
न्यूज एजेंसी के जरिये जानकारी मिली है कि Google पर कुछ समय पहले digital copyrights law का उल्लंघन किए जाने का आरोप लगा था। यह आरोप फ्रांस के मीडिया हाउस द्वारा लगाया गया था और अब गूगल को इसी आरोप का दोषी करार दे दिया गया है। कानून तोड़ने के जुर्म में फ्रांस की ओर से गूगल पर copyright row के तहत 500 million euro ($593 million) का जुर्माना ठोका गया है। यह रकम भारतीय करंसी अनुसार 4,400 करोड़ रुपये के करीब है।
यह है पूरा मामला
कुछ समय पहले फ्रांस की न्यूज एजेंसी और कुछ मीडिया हाउस ने अमेरिकी कंपनी पर आरोप लगाए थे कि Google उन मीडिया ग्रुप्स द्वारा बनाई गई फोटोज़, वीडियोज़ व आर्टिकल्स को सर्च रिजल्ट्स में दिखा रहा है। और इस कंटेंट के लिए गूगल की ओर से मीडिया हाउसेज़ को किसी भी तरह की कोई compensation यानी मुआवज़ा राशीभी नहीं दी जा रही है। बस इसी मुद्दे पर फ्रांस के न्यूज़ पब्लिशर्स और गूगल के बीच कई महीनों से खींचतान चल रही थी और अब Google को EU law governing digital copyrights का आरोपी करार देते हुए इसपर 500 मिलियन यूरो का फाइन लगाया गया है।
देरी करने पर देना होगा 900,000 euros per day
Google पर लगी यह जुर्माना राशि बेहद बड़ी है। लेकिन इससे भी बड़ी मुसीबत गूगल के लिए यह है कि इस कंपनी को 2 महीने के भीतर प्रोपोज़ल सबमिट कराना होगा, कि किस न्यूज पब्लिशर या मीडिया हाउस को कितना कॉम्पन्सेशन देगा। और अगर दो महीने के अंदर अंदर गूगल कंपनी यह प्रोपोजल देने में कामयाब नहीं होती है तो उसे बतौर दंड हर दिन 900,000 यूरो का अलग से फाइन चुकाना पड़ेगा। यानी हर एक दिन के लिए अतिरिक्त 8 करोड़ रुपये।
Google की प्रतिक्रिया
दोषी करार दिए जाने के बाद गूगल का कहना है कि वह इस फैसले के बेहद निराश है। Google ने सफाई दी है कि हमनें तो ‘good faith’ अर्थात् भले काम के ईरादे से यह सब किया था और इसपर अन्यों द्वारा आपत्ति जताऐ जाने के बाद हम बातचीत के लिए भी तैयार थे। ऐसे में बातचीत के दौरान अचानक से यह जुर्माना लगाया जाना काफी दुखद है। रिपोर्ट की मानें तो यह Google पर किसी कंप्टीशन अथॉरिटी की तरफ से लगाया गया अभी तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।