Mobile Phone पुराना होता है तो कई प्रॉब्लम भी सामने आने लगती है। ये समस्याएं हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर दोनों से जुड़ी हो सकती हैं। अगर दिक्कत Phone Screen में आती है तो टेंशन ज्यादा होती है, क्योंकि उसके साथ अडजेस्ट करना भी मुश्किल होता है तथा उसे ठीक कराने या Screen Replacement में खर्चा भी अधिक आता है। डिस्प्ले से जुड़ी ऐसी ही एक समस्या Screen burn-in की है जो यूजर एक्सपीरियंस खराब कर देती है। अगर आप भी ऐसी प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं तो आगे कुछ ट्रिक्स बताई गई हैं जिन्हें अपनाकर स्क्रीन बर्न-इन का समाधान किया जा सकता है।
इस लेख में:
क्या है Screen burn-in?
कई बार स्मार्टफोंस की स्क्रीन पर अपने आप ही कुछ धब्बे से दिखने शुरू हो जाते हैं तथा उन स्पॉट्स पर स्क्रीन कलर भी साफ नहीं दिखाई देता है। मोबाइल डिसप्ले में यह रंग बिगड़ने तथा स्क्रीन के मैले से हो जाने की स्थिति को ही Screen burn-in या Ghost image कहा जाता है। जैसे-जैसे फोन पुराना होने लगता है उसके स्क्रीन कलर भी बिगड़ने लगते हैं। टेक्स्ट और आइकन्स उतने शार्प नहीं दिखते हैं जितने पहले होते थे। रंगों में धुंधलापन आने लगता है और ऐसा प्रतीत होता है मानों फोन की स्क्रीन के अंदर ही कोई दाग से पड़ गए हो।
कैसे होता है फोन में Screen burn-in?
Screen burn-in में फोन डिसप्ले का कलर बिगड़ना और पिक्चर क्वॉलिटी में धुंधलापन किसी बाहरी चोट या खराबी की वजह से नहीं बल्कि फोन के इंटरनल इश्यू की वजह से ही होता है। इस समस्या में कुछ हद तक हमारा फोन यूज़ करने का तरीका भी असर डालता है। स्क्रीन बर्न-इन की समस्या मोटो तौर पर तब पैदा होती है जब कोई ऐसा ग्राफिक, वॉलपेपर या ऐप टूल लंबे समय तक फोन में ओपन रह जाता है जो अपनी जगह नहीं बदलता तथा मूव नहीं करता है।
उदाहरण देकर समझाएं तो अगर फोन में एक ही थीम कई महीनों तक लगी रहती है तो उस थीम में मौजूद टेक्स्ट और कलर फोन स्क्रीन पर अपनी परछाई या छाप छोड़ने लग जाते हैं। पारदर्शी डिसप्ले पर ये कलर, टेक्स्ट व आइकॉन लगातार दिखते रहते हैं तथा फोन में कोई अन्य ऐप या विंडो खोले जाने के बाद भी स्क्रीन पर पीछे कहीं इन्हीं रंग और चिन्हों की धुधली सी शेप नज़र आने लगती है। यानी किसी एक स्थिर फोटो या थीम का लंबे वक्त का यूज़ करना ही स्क्रीन बर्न-इन का सबसे बड़ा कारण है।
Screen burn-in के कारण
- स्क्रीन वॉलपेपर
- नोटिफिकेशन बार
- नेविगेशन बार
- स्क्रीन टेक्स्ट
- टाईम वॉच
- कैलेंडर
उपर बताए गए कुछ टूल्स व ऐप फोन में स्क्रीन बर्न-इन होने में मददगार साबित हो जाते हैं। अगर स्मार्टफोन में एक ही वॉलपेपर का लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाता है तो उस वॉलपेपर में मौजूद ईमेज व कलर फोन डिसप्ले पर छपने लगते हैं। इसी तरह डिसप्ले के उपरी ओर मौजूद नोटिफिकेशन बार तथा नीचे की और स्थित नेविगेशन बार हर वक्त एक ही पॉजिशन में रहती है जो धीरे-धीरे स्क्रीन पर अपना असर दिखाने लग जाती है। वहीं लॉक स्क्रीन पर लगाई जाने वाली घड़ी, कैलेंडर और लिखे गए स्क्रीन टेक्स्ट भी Screen burn-in के फैक्टर हैं।
Screen burn-in से कैसे करें स्मार्टफोन का बचाव?
1) मोबाइल फोन में स्क्रीन बर्न-इन से बचने का पहला स्टेप यही है कि मोबाइल फोन में किसी वॉलपेपर या बैकग्रांड ईमेज का इस्तेमाल बहुत ज्यादा लंबे समय तक न करें। समय-समय पर इसे बदलते रहें।
2) Mobile Phone Theme का सीमित यूज़ भी इस समस्या से बचने का महत्वपूर्ण कदम है। थोड़े-थोड़े समय के बाद स्मार्टफोन थीम को बदलते रहें, जिससे थीम के साथ साथ अन्य टूल्स भी समान न रहें।
3) फोन में मौजूद ऐप्स आइकॉन की शेप तथा उनका टेक्स्ट साईज़ भी चेंज करते रहें। स्टाईल व शेप बदलने से वह स्क्रीन बर्न-इन का कारण नहीं बन पाएंगे। साथ ही ऐप शार्टकट आइकॉन की जगह भी बदलते रहें।
4) मोबाइल में brightness level को हमेशा हाई प्वाइंट पर ना रखें। स्मार्टफोन ब्राइटनेस को हो सकते तो ‘ऑटो मोड’ पर रखें जिससे वह अपने आप ही बदलती रहे।
5) Screen burn-in की समस्या Always-On Display में सबसे ज्यादा सामने आ रही है। यह स्मार्टफोंस में कुछ टूल्स को हमेशा एक ही जगह पर दिखाती रही है और ये फिर अपनी Ghost image छोड़ जाते हैं। अच्छा रहेगा कि आप अपने मोबाइल फोन में ऑलवेज़-ऑन डिसप्ले फीचर डिसेबल कर दें।