SIM Card के लिए पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी, नियम नहीं मानने पर 10 लाख का जुर्माना, जानें क्या है नया नियम

टेलीकॉम मिनिस्टर ने कहा कि सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए हैं, जबकि 67,000 डीलर को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया है। मई 2023 से सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं।

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सरकार ने सिम कार्ड (SIM Card) से होने वाली साइबर धोखाधड़ी पर बड़ा प्रहार किया है। टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अब सिम कार्ड डीलर का पुलिस और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी है। साथ ही, बिजनेस के लिए बल्क सिम भी प्रत्येक एंप्लायी का KYC करने के बाद ही दिया जाएगा। इस समय देशभर में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) की घटना तेजी से बढ़ रही है, जिसे रोकने के लिए सरकार ने देशभर के करीब 67,000 सिम कार्ड डीलर को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। टेलीकॉम मिनिस्टर ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वाले डीलर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। सिम कार्ड से जुड़ा यह निमय एक अक्टूबर, 2023 से लागू होने की उम्मीद है।

नहीं मिलेंगे अब बल्क में सिम

टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने सिम कार्ड डीलर का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है और थोक में ‘कनेक्शन’ देने का प्रावधान अब बंद कर दिया गया है। इसके स्थान पर बिजनेस कनेक्शन का एक नया कॉन्सेप्ट पेश किया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि बिजनेस की केवाईसी, सिम लेने वाले व्यक्ति की केवाईसी भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर आप बिजनेस या कॉरपोरेट के लिए एक से अधिक सिम लेते हैं, जिसे अपने एंप्लायीज में बांटना चाहते हैं, तो फिर हर उस एंप्लायीज का अलग-अलग KYC कराना जरूरी होगा, जिसे सिम देना चाहते हैं।

67 हजार सिम कार्ड डीलर हुए ब्लैकलिस्ट

टेलीकॉम मिनिस्टर ने कहा कि सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए हैं, जबकि 67,000 डीलर को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया है। मई 2023 से सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं। मंत्री ने कहा कि व्हाट्सएप ने भी अपने आप ही लगभग 66,000 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है, जो धोखाधड़ी जैसी गतिविधियों में लिप्त थे।

वेरिफिकेशन के लिए मिलेंगे पर्याप्त समय

टेलीकॉम मिनिस्टर के कहा कि देश में 10 लाख सिम कार्ड डीलर हैं और उन्हें पुलिस वेरिफिकेशन के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्होंने ने बताया कि सिम बॉक्स नाम की एक डिवाइस के जरिए एक बार में कई ऑटोमेटेड कॉल किए जा सकते हैं। फ्रॉड करने वाले इसी मशीन का यूज कर एक बार में कई फोन कॉल करते हैं, फिर सिम को डीएक्टिव कर देते हैं और नया बैच इश्यू करा लेते हैं। दरअसल, देश में साइबर फ्रॉड की घटना को अंजाम देने के तुरंत बाद फोन सिम कार्ड बदल देते हैं। हाल ही में ओडिशा में 16000 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड जब्त किए गए थे। ये सिम कार्ड ऐसे लोगों के नाम पर लिए गए, जिसे इसकी जानकारी ही नहीं थी। इसी तरह हाल ही में बिहार और झारखंड में दूरसंचार विभाग 17 हजार सिम कार्ड को डीएक्टिवेट कर दिया है। इन सभी सिम कार्ड की पहचान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित फेस रिकॉग्नाइजेशन टेक्नोलॉजी की मदद से की गई है।

कहीं आपकी आईडी पर फर्जी सिम तो नहीं

अगर आपको लगता है कि कोई आपकी आईडी पर फर्जी सिम ले रखा है, तो इसे घर बैठे संचार साथी पोर्टल के माध्यम से चेक कर सकते हैं। सरकार हाल ही में संचार साथी पोर्टल की शुरुआत की गई है, जिसके जरिए आप पता लगा सकते हैं कि आपकी आईडी पर कितने सिम कार्ड लिए गए हैं। आप चाहें, तो यहां से फर्जी सिम कार्ड को ब्लॉक भी कर सकते हैं।

  • इसके लिए आपको Sanchar Saathi पोर्टल पर जाना होगा।
  • यहां पर TAFCOP सेक्शन में जाने के बाद मोबाइल नंबर से लॉगइन करना होगा।
  • इसके बाद आपको यहां पर ‘This is not my number’ या फिर ‘Not required’ का विकल्प आएगा।
  • अगर आपका मोबाइल नंबर नहीं है, तो फिर ‘Report’ बटन पर क्लिक कर रिक्वेस्ट को सबमिट कर सकते हैं। इसके बाद री-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

एक व्यक्ति सिर्फ 9 सिम कार्ड ही रख सकता है

आपको बता दें कि भारत में एक व्यक्ति अपने नाम पर ज्यादा से ज्यादा 9 सिम कार्ड (जम्मू-कश्मीर, असम, नॉर्थ-ईस्ट में अधिकतम 6 सिम) ही यूज कर सकते हैं।

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