इस तरह के कई मामले सामने आते हैं जहां WhatsApp Call या अन्य तरीकों से भारतीयों को फ्रॉड का शिकार बनाया जाता है। +92 कंट्री कोड पाकिस्तान का है और यह भी इंडिया में स्कैम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा ही एक नया मामला अभी प्रकाश में आया है जहां +92 number से कॉल करके एक गुजराती को फ्री iPhone 14 देने की बात कही जाती है और बदले में उसके बैंक अकाउंट से 7 लाख का साइबर फ्रॉड कर लिया जाता है।
इस लेख में:
कैसे हुआ फ्रॉड
यह घटना अहमदाबाद के धंधुका से सामने आई है जहां 27 साल के कारोबारी विराग दोशी को झांसे में फंसाया गया है। इसकी शुरूआत Instagram से हुई थी जहां पर विराग को एक मैसेज प्राप्त हुआ था। मैसेज में मुफ्त आईफोन 14 दिए जाने की बात कही गई थी और साथ ही विराग को बोला गया था कि इस एप्पल मोबाइल को फ्री में पाने के लिए 3,000 रुपये की टोकन मनी जमा करानी होगी।
+92 नंबर से आई फोन कॉल
iPhone 14 मुफ्त मिलने की खुशी में युवक ने सारी शर्ते मान ली तथा इंस्टाग्राम मैसेज में बताए अनुसार 3 हजार रुपये की UPI Payment भी कर दी। यूपीआई ट्रांजेक्शन पूरी होने के बाद दोशी के पास +92 कंट्री कोड वाले नंबर से कॉल आई तथा कॉल करने वाले ने खुद को दुबई का बड़ा भाई बताया। फोन पर विराग दोशी से कहा गया कि उसका आईफोन 14 और वॉच पैक कर दी गई है और पार्सल को सूरत हवाई अड्डे पर भेजा जा रहा है।
+92 नंबर को इग्नोर करते हुए विराग दोशी सिर्फ फ्री आईफोन पाने के लिए उत्साहित था। कुछ दिन बाद उसके पास फिर से एक कॉल आई तथा कॉलर ने अपना नाम संजय शर्मा बताते हुए कहा कि दुबई से भेजा गया iPhone 14 सूरत पहुच चुकी है जिसे जल्द ही डिलीवर कर दिया जाएगा। अब तक फ्रॉड करने वाले स्कैमर भांप चुके थे कि यह 27 साल का व्यक्ति मुफ्त आईफोन के लालच में पड़ चुका है तथा इसके लिए कुछ भी कर सकता है।
बैंक खाते से कटे लाखों रुपये
इसी बात का फायदा उठाते हुए संजय शर्मा नाम बताने वाले शख्स ने विराग को पार्सल डिलीवर के लिए 8,000 रुपये और देने की बात कही। स्कैमर ने यकिन दिलाया कि यह पैसा कस्टम ड्यूटी के लिए चुकाना अनिवार्य है। बिना झिझक विराग ने यह रकम भी चुका दी। लेकिन पैसा भुगतान किए जाने के बाद भी जब आईफोन डिलीवर नहीं हुआ तो देशी ने उन सभी नंबरों पर संपर्क किया जिनसे कॉल आई थी। पंरतु वो सभी नंबर बंद मिले।
27 साल के विराग को संदेह हो गया था कि वह फ्रॉड का शिकार हो चुका है, लेकिन यह सिलसिला यहीं नहीं थमा। रिपोर्ट के अनुसार अलग-अलग तारीखों पर विराग दोशी के बैंक अकाउंट से कई ट्रांजेक्शन हुई तथा उनके बैंक खाते से 6.76 लाख रुपये डेबिट किए गए। थोड़ी सी लापरवाही तथा मुफ्त का सामान पाने के लालच में यह व्यक्ति लाखों रुपये के स्कैम का शिकार हो गया।