
नोटबंदी के बाद बैंकों तथा एटीएम में लगने वाली लाईनों को कम करने के लिए सरकार की ओर से कैश-लेस ट्रांजेक्शन पर जोर दिया जा रहा है। एक ओर जहां आॅनलाईन पेमेंट तथा प्लास्टिक मनी के प्रयोग के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है वहीं केंद्र द्वारा तरह-तरह की योजनाएं भी बनाई गई है। इसी कड़ी में सरकार ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के समक्ष ग्रामीण ईलाकों में इंटरनेट दरों में विशेष रियायत देने की सिफारिश की है।
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कैश-लैस इकॉनमी अपनाने की तर्ज पर यह माना गया है कि ग्रामीण ईलाकों में आॅनलाईन ट्रांजेक्शन के प्रति लोगों में जागरूकता होनी जरूरी है जिससे वह बेझिझक ई-बैंकिंग अपना सके। ग्रामीण लोगों को डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ाने के लिए अब सरकार ने ट्राई को ग्रामीण इलाकों में मुफ्त लिमिटेड इंटरनेट डाटा देने का सुझाव दिया है।
सरकार की इस पहल पर ट्राई की ओर से हर महीने ग्रामीण इलाकों में 100 एमबी मुफ्त डाटा देने की बात कही गई है। ट्राई द्वारा नियमित इस योजना का खर्च यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड द्वारा वहन किया जाएगा।

इस बाबत ट्राई का कहना है कि ग्रामीण लोगों तक सरकार की कैश-लैस पहल को पहुंचाने और डिजिटल बनाने के लिए ग्रामीण इलाकों में सरकार की मदद से इंटरनेट डेटा की तय मात्रा मुफ्त मुहैया कराना सराहनिय व आवश्यक कदम है।
ज्ञात हो कि इसी साल फेसबुक की ओर फ्री बेसिक इनिशिएटिव और एयरटेल के प्लान जीरो को ट्राई द्वारा इस दलील के साथ रिजेक्ट कर दिया गया था कि ऐसे प्लान से इंटरनेट की मूल प्रवृति का उल्लंधन होता है।


















