
ऑनलाइन सट्टेबाजी गेम के नाम पर एक बड़ा साइबर क्राइम सामने आया है। दरअसल, गुजरात पुलिस ने हाल ही में गुजरात में एक चीनी व्यक्ति और उसके सहयोगियों से जुड़े डिजिटल फॉड के एक मामले का खुलासा किया है। इस ग्रुप ने एक नकली फुटबॉल बेटिंग ऐप बनाकर महज नौ दिनों के अंदर ही लगभग 1200 लोगों से करीब 1,400 करोड़ रुपये चुरा लिए। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कैम के पीछे का मास्टरमाइंड वू उयानबे (Woo Uyanbe) नाम का एक चीनी नागरिक है, जो चीन के Shenzhen का रहने वाला है। उयानबे ने 2020 और 2022 के बीच भारत में रहने के दौरान गुजरात के पाटन और बनासकांठा जिलों में इस फ्रॉड को अंजाम दिया था।
Dani Data ऐप के जरिए हुआ स्कैम
1400 करोड़ के इस स्कैम को देखते हुए गुजरात पुलिस ने इस मामले से निपटने के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2022 में क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) को इस मामले को लेकर सतर्क किया गया था, जब पता चला कि अपराधी ‘Dani Data’ नाम के एक मोबाइल ऐप के जरिए गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोगों से ठगी कर रहे थे। हालांकि इस मामले में इंक्वायरी की शुरुआत आगरा पुलिस द्वारा की गई थी, जिसे बाद में सीआईडी की अपराध शाखा द्वारा आगे बढ़ाया गया। जांच से पता चला कि उत्तरी गुजरात के कुछ व्यक्ति में इसमें शामिल थे।
जांच के दौरान सीआईडी के एक अधिकारी ने टीओआई को बताया कि हमें पता चला कि चीनी नागरिक ने पाटन और बनासकांठा में कुछ समय बिताया था, जहां वह स्थानीय लोगों से मिला और उन्हें बेहतर रिटर्न का वादा किया। इसके बाद चीनी व्यक्ति ने गुजरात में अपने सहयोगियों के साथ मई 2022 में एक ऐप को लॉन्च किया। फिर इस ऐप के जरिए दाव लगाने पर हाई रिटर्न का वादा किया गया।
लालच की वजह से लगा चूना
चीनी व्यक्ति उयानबे ने 15 से 75 आयु वर्ग के लोगों को अपना टार्गेट बनाया। खासकर उन लोगों को जो फुटबॉल गेम में गहरी रुचि रखते थे। फुटबॉल ऐप के जरिए वह प्रति दिन औसतन 200 करोड़ रुपये की हेराफेरी करता था। हालांकि शुरुआत में टार्गेटेड व्यक्ति ऐप में अपना निवेश और कमाई का आंकड़ा देख सकते थे, लेकिन नौ दिनों के बाद ऐप ने अचानक काम करना बंद कर दिया, जिससे बाद लोगों को एहसास हुआ कि उनके साथ बड़ा फ्रॉड हुआ है।
हालांकि जब तक यह मामला दर्ज होता, तब तक उयानबे भारत छोड़ चुका था। गुजरात पुलिस ने अगस्त 2022 में धोखाधड़ी से संबंधित पहला मामला दर्ज किया, जिसमें उयानबे पर धोखाधड़ी और आईटी अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया। जांच के दौरान सीआईडी ने गुजरात के नौ व्यक्तियों पर भी ध्यान केंद्रित किया, जो कथित तौर पर उयानबे की सहायता कर रहे थे। सीआईडी ने पाया कि इन सहयोगियों ने चोरी के धन को ट्रांसफर करने के लिए मुखौटा कंपनियों की स्थापना की थी। रिपोर्ट में उल्लिखित पुलिस सूत्रों का दावा है कि उयानबे अभी भी लोगों को धोखा देने के लिए कई ऐप्स का उपयोग करके Shenzhen से अपने धोखाधड़ी वाले नेटवर्क को संचालित कर रहा है। सीआईडी की अपराध शाखा ने मार्च में इस मामले को लेकर आरोप पत्र दायर किया था।
अगर आप भी ज्यादा रिटर्न हासिल करने के चक्कर में इस तरह के किसी ऐप का उपयोग कर रहे हैं, तो फिर सर्तक हो जाएं, नहीं तो कोई आपकी गाढ़ी कमाई लेकर छूमंतर हो जाएगा।










