जानें कैसे करें इंटरनेट बैकिंग से गूगल प्ले स्टोर पर खरीदारी

Join Us icon

भारतीय एंडरॉयड उपभोक्ताओं के लिए एक बेहद ही अच्छी खबर है। अब गूगल प्ले स्टोर पर वे नेट बैंकिंग के माध्यम से खरीदारी कर सकते हैं। गूगल से यदि आप कोई गेम, एप्स या मूवी की खरीदारी करते हैं तो क्रेडिट व डेबिट कार्ड के अलावा नेट बैंकिंग का भी विकल्प मिलेगा। पहले सिर्फ कार्ड पेमेंट या कोड रिडीम का ​ही विकल्प होता था लेकिन आज से उपभोक्ता नेटबैंकिंग का विकल्प देख सकते हैं। इससे सेवाओं का भुगतान और आसान हो जाएगा।

गौरतलब है कि जिन यूजर्स के पास पहले क्रेडिट या डेबिट कार्ड नहीं था वह गूगल प्ले स्टोर की किसी भी पेड सुविधा को पर्चेज नहीं कर सकते थे। पंरतु गूगल द्वारा नई सर्विस जोड़ने के बाद नेटबैंकिंग का प्रयोग करने वाले उपभोक्ता भी अपनी पंसदानुसार गूगल प्ले स्टोर की सर्विस खरीद सकते हैं।

जानें गूगल प्ले स्टोर को पासवर्ड से प्रोटेक्ट करने का तरीका

एंडरॉयड पॉलिस पर दी गई जानकारी के अुनसार गूगल प्ले स्टोर के पेमेंट आप्शन में क्रेडिट व डेबिट कार्ड के साथ साथ इंटरनेट बैकिंग का भी आप्शन उपलब्ध है। इस सेवा का लाभ लेने के लिए

1. आपको गूगल प्ले स्टोर से किसी ऐप, गेम या मुवी का चुनाव करना है।

2. इसके बाद आपको पेमेंट का विकल्प मिलेगा।

google-play-payment

3. यदि आपने पहले से कोई कार्ड इंटीग्रेट नहीं किया है तो बाई नाउ करते ही तीन आॅप्शन आएंगे। इसके कार्ड और रिडीम कोड के साथ ही नेट ​बैंकिंग का विकल्प होगा।

4. इसके बाद आपको पेमेंट आप्शन में इंटरनेट बैंकिंग सलेक्ट करते ही गूगल प्ले स्टोर सीधा बैंक के सिक्योर पेमेंट पेज पर पहुॅंच जाएगा।

5. यहां से आप अपने संबंधित बैंक की का चुनाव कर ​डिटेल डालकर पेमेंट प्रोसेस पूरा कर सकते हैं।

यदि आपके फोन में यह विकल्प नहीं आ रहा है तो कुछ दिनों में गूगल प्ले स्टोर के अपडेट के साथ ही प्राप्त हो जाएगा।

खास बात यह कही जा सकती है कि गूगल प्ले स्टोर की सू​ची में देश के कई बड़े बैंक शामिल हैं जिनमें स्टेट बैंक, ऐक्सीस बैंक, सिटी बैंक व इंडियन बैंक आदि प्रमुख है। हालांकि कुछ बैंक अभी भी इस लिस्ट में नदारद हैं जैसे स्टैंर्डड चार्टटेड और येस बैंक इत्यादि। पंरतु गूगल की यह ​सर्विस भारतीय एंडरॉयड उपभोक्ताओं के लिए काफी फायदेमंद कही जाएगी।

गौरतबल है कि इस तरह की पहली कोशिश भारत में आइडिया और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा देखने को मिली थी लेकिन आॅपरेटर आधारित होने की वजह से यह ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुआ। वहीं माइक्रोसॉफ्ट फोन का उपभोक्ता आधार भी बहुत बड़ा नहीं है। जबकि गूगल की इस कोशिश से करोंड़ों उपभोक्ता जुड़ जाएंगे।