
रजनीकांत की रोबोट 2.0 मूवी तो अबतक आप सभी ने देख ली होगी। इस मूवी में मुख्यता से दिखाया गया है कि मोबाइल नेटवर्क और मोबाइल टॉवर किस तरह से पक्षियों और पर्यावरण को नुकसान पहुॅंचाते हैं। मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन और किरणें किस स्तर पर हानि पहुॅंचा सकती है यह मुद्दा रोबोट 2.0 में समझाया गया है। मोबाइल नेटवर्क की रेडिएशन पक्षियों और पर्यावरण के साथ-साथ हमारी सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक होती है, यह बात तो आप समझ गए होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस स्मार्टफोन पर आप अभी ये आर्टिकल पढ़ रहे हैं, वह आपको कितना नुकसान पहुॅंचा रहा है ? आगे हमनें अपने लेख में यही आवश्यक जानकारी दी है।
क्या है सार
सबसे पहले तो आपको बता दें कि हर स्मार्टफोन की अपनी अलग-अलग रेडिएशन व फ्रिक्वेंसी होती है। मोबाइल फोन एक रेडियो ट्रांसमीटर होता है जो नेटवर्क वेव्स (तरंगों) को सेंड करता है और रिसीव करता है। इन वेव्स को रेडियो फ्रिक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फिल्ड कहा जाता है। ये वेव्स मोबाइल एंटिना के जरिये ट्रांसफर होती है जो फोन से मोबाइल टॉवर तक जाती है और मोबाइल टॉवर से फोन तक आती है। जब भी ये वेव्स ट्रांसफर होती हैं तो उनका कुछ प्रतिशत हिस्सा वातावरण में ही घूमता रहता है। और यही वो हिस्सा होता है जो आपके, हमारे और पर्यावरण के लिए खतरा बनता है।
कितना है खतरनाक
मोबाइल से निकलने वाली तरंगें हमेशा एक समान नहीं रहती है। जब फोन में एक साथ कई काम कर रहे होते हैं तो ये बढ़ जाती है तथा फोन के कम यूज़ के दौरान ये वेव्स कम हो जाती है। स्मार्टफोन से निकलने वाली इन वेव्स को ‘सार वैल्यू’ के जरिये मापा जाता है। SAR यानि (Specific Absorption Rate). सार वैल्यू वह दर होती है जो फोन से निकली वेव्स को तथा इंसान के शरीर द्वारा सोखने वाली तरंगों को मापता है। ये तरंगे शरीर में खून में मौजूद टिशू द्वारा सोखी जाती है।
भारत मेंं सार वैल्यू मानक
हर स्मार्टफोन की अलग-अलग सार वैल्यू होती है। यह सार वैल्यू हर देश की सरकार द्वारा तय की जाती है और तय वैल्यू से ज्यादा सार वैल्यू वाले फोन्स को उस देश में बैन कर दिया जाता है। आपको बता दें कि भारत तथा अमेरिका की सरकारों द्वारा तय की गई सार वैल्यू एक समान है। इंडिया में मोबाइल फोंस की सार वैल्यू अधिकतम 1.6वॉट/किलोग्राम है। यहां वॉट/किलोग्राम से मतलब है कि 1 किलोग्राम टिशू अधिकतम 1.6 वॉट तरंगों की पावर ही सोख सकता है।
कौन है कितना सुरक्षित
हालिया लॉन्च स्मार्टफोंस की सार वैल्यू को जब हमनें जांचा तो सैमसंग गैलेक्सी एम10 की सार वैल्यू जहां 0.238वॉट प्रति किलोग्राम मिली वहीं गैलेक्सी एम20 की सार वैल्यू 0.273वॉट/किलोग्राम पाई गई है। आपको बता दें कि किसी भी स्मार्टफोन की दृष्टि से यह सार वैल्यू बेहद की कम है। इसी तरह भारत के पहले 48एमपी कैमरे वाले आॅनर व्यू20 की सार वैल्यू 1.09वॉट/किलोग्राम पाई गई, पोको एफ1 0.719वॉट/किलोग्राम में और रियलमी यू1 में 1.187वॉट/किलोग्राम सार वैल्यू देखने को मिली। आप देख सकते हैं कि सबसे कम सार वैल्यू सैमसंग का है। अर्थात यह कि आपकी सेहत के लिए सैमसंग फोन सबसे सुरक्षित हैं। शायद यही वजह है कि कंपनी अक्सर बेस्ट क्वालिटी की बात करती है और अपने फोन को अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्ड होने का दावा करती है। वहीं सैमसंग फोन महंगे होने के पीछे भी यही वजह बताती है कि हमारे फोन सभी पैमाने पर खरें होते हैं।
कैसे देखें अपने फोन में सार
यादि आप भी अपने फोन की सार वैल्यू जानना चाहते हैं तो अपने स्मार्टफोन से *#07# डायल करें। यह नंबर डायल करने के बाद फोन की सार वैल्यू फोन की डिसप्ले पर आ जाएगी।
लगे हाथ आपको यह जानकारी भी दे दें कि सार वैल्यू को दो भागों में बांटा गया है। पहला Head SAR यानि कि सिर और Body SAR यानि शरीर। जब भी हम फोन पर बात करते है तो सिर मोबाइल के सबसे पास होता है। इसलिए सिर की सार वैल्यू अलग रखी गई है। इसी तरह जब फोन जेब में या हाथ में होता है तो उस स्थिति के लिए सार वैल्यू अलग के मापी जाती है।




















