
भारतीय मोबाइल बाजार पर नजर डालें तो जब से इसने बड़ा आकार लिया है तब से कुछ न कुछ हलचल बनी ही रहती है। सबसे पहले वर्ष 2007-2008 में छोटे रिटेलर्स और बड़े रिटेल चेन की जंग देखने को मिली थी। वहीं 2012 के बाद यह जंग आॅनलाइन रिटेल और आॅफलाइन रिटेल के बीच की बन गई। परंतु इसमें वीवो और ओपो जैसे चीनी प्लेयर्स के आने बाद आॅफलाइन बाजार फिर से मजबूत हुआ और वे ब्रांड जो अब तक सिर्फ एक्सक्लूसिव आॅनलाइन करते थे आॅफलाइन में भी दस्तक देने लगे। परंतु इसके साथ ही मोबाइल रिटेल बाजार में एक नई जंग भी चालू हो गई। यह जंग है पुराने आॅफलाइन ब्रांड और नए आॅफलाइन ब्रांड के बीच। इसमें सबसे नया मामला सैमसंग और शाओमी का है।
लगभग दो माह पहले ही शाओमी ने आॅफलाइन स्टोर में दस्तक दी है और इसी के साथ कपंनी ने शाओमी प्रीफर्ड पार्टनर की शुरुआत की है। जिसके तहत कंपनी कुछ चुनिंदा स्टोर को अपना प्रीफर्ड पार्टनर बनाएगी और वहीं से शाओमी के फोन उपभोक्ताओं को उपलब्ध होंगे। इसके लिए कंपनी ने अपनी बांडिंग शुरू कर दी गई है और स्टोर्स पर शाओमी के बोर्ड लगने शुरू हो गए हैं और इसी बोर्ड ने एक नए विवाद को जन्म दिया है।
माजरा यह है कि जिस-जिस रिटेलर्स ने सैमसंग के बोर्ड को उतार कर शाओमी के बोर्ड को लगाया है सैमसंग ने उनकी बिलिंग बंद कर दी है। अर्थात कंपनी ने रिटेलर्स को फोन देना ही बंद कर दिया है। मामला प्रकाश में आने के बाद हमने भी जानने की कोशिश की और इसके लिए कई रिटेलर्स के पास भी गए जहां उन्होंने अपनी पूरी बात बताई।
इस बारे में दिल्ली के करोलबाग स्थित हर्षित कम्यूनिकेशन से अशोक कश्यप कहते हैं कि “लगभग दो माह पहले ही हम शाओमी के प्रीफर्ड पार्टनर बने हैं और हाल में ही हमने शाओमी फोन को रखना शुरू किया है। पंरतु सैमसंग ने हमारे स्टोर से बिलिंग बंद कर दी। हमारा स्टोर मल्टी ब्रांड स्टोर और हम किसी भी ब्रांड के फोन को सेल कर सकते हैं और किसी भी ब्रांड का बोर्ड अपने स्टोर पर लगा सकते हैं।”
हालांकि कुछ रिटेलर्स का कहना है आॅनलाइन के बाद आॅफलाइन में भी शाओमी के फोन की खासी डिमांड है। जहां दूसरी कंपनी के फोन एमओपी पर बिकते हैं वहीं शाओमी के लिए लोग एमआरपी से ज्यादा देने को तैयार हैं। हालांकि कंपनी ने ऐसा करने से रोक रखा है।
WAR BEGINS between the Big Giant @SamsungMobileIN & Chineese Apple @XiaomiIndia. pic.twitter.com/Vni28zHpk8
— Vikrant Badhwar (@badhwarvikrant) July 8, 2017
वहीं दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित, बीचम्स रिटेल स्टोर के आॅनर, विक्रांत बधवार का कहना है कि “हाल में हम भी शाओमी के प्रीफर्ड पार्टनर बने हैं और कंपनी के फोन रखने शुरू किये हैं। परंतु सैमसंग ने हमारे स्टोर से अपनी बिलिंग बंद कर दी जो कि पूरी तरह से गलत है। इससे हमें ज्यादा फर्क तो नहीं पड़ता लेकिन हमें लगभग 1 फीसदी इनसेंटिव का नुकसान जरूर होगा। हमने सैमसंग के साथ कोई भी डॉक्यूमेंट साइन नहीं किया है कि आपका बोर्ड उतार नहीं सकते। हम मल्टीब्रांड स्टोर हैं और कोई भी कंपनी हमारी बिलिंग बंद नहीं कर सकती। लगभग बीस सालों से सैमसंग भारतीय मोबाइल इंडस्ट्री से जुड़ा है और हम जैसे रिटेलरों ने ही सैमसंग को ब्रांड बनाया है। अगर कंपनी अगले एक सप्ताह के अंदर इस मसले को हल नहीं करती है तो हम कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य हैं।”
हालांकि इस पर कानूनी कार्रवाई का अधिकार है या नहीं इस बारे में हम कुछ नहीं कर सकते। क्योंकि यह अधिकारों का सवाल है। वहीं शाओमी और सैमसंग के इस मामले के बारे में हमने सैमसंग से भी बात की लेकिन कंपनी ने फिलहाल इस मसले पर कमेंट करने से मना कर दियाा है।
इस बारे में एक रिटेलर ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी कि “शाओमी फोन को लेकर जो विवाद जन्मा है सैमसंग उसे ज्यादा लंबा नहीं खींचना चाहता और बीच का कोई रास्ता निकालने पर फैसला ले रहा है। क्योंकि इस विवाद से कंपनी को ही नुकसान हो रहा है। यह समस्या कई रिटेलर्स के साथ है लेकिन कुछ के साथ समझौता हो गया है और उनकी बिलिंग चालु भी कर दी गई है।”
गौरतलब है कि हाल में ही शाओमी ने आॅफलाइन रिटेल में दस्तक दी है और इसके लिए अलग-अलग शहरों में प्रीफर्ड पार्टनर बनाने की घोषणा की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में फिलहाल कंपनी ने लगभग 100 प्रीफर्ड पार्टनर बनाये हैं। वहीं आगे इसके विस्तार की भी योजना है। इतना ही नहीं कंपनी दिल्ली के अलावा दूसरे शहरों में भी अपने प्रीफर्ड पार्टनर बना रही है। ऐसे में यदि मामले को जल्द शांत नहीं किया गया तो विवाद और बढ़ सकता है।
हालांकि शाओमी के लिए शुरुआत अच्छी रही हो लेकिन आगे की राह बहुत आसान नहीं होगी। सैमसंग मार्केट लीडर है ब्राण्ड के मामले में शिओमी से कहीं बड़ा है। ऐसे में कंपनी को बड़ी चुनौती मिलेगी।


















