
Mukesh ambani के बाद भारत के एक और बड़े बिजनेसमैन Gautam Adani टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री करने वाले हैं। सबसे पहले तो यह खबर लीक के माध्यम से आई थी लेकिन बाद में अडानी ग्रुप ने इसकी पुष्टि कर दी और यह स्पष्ट हो चुका है कि अब फिर से एक बार टेलीकॉम सेग्मेंट में मज़ा आने वाला है। हालांकि कि अब तक अडानी ग्रुप टेलीकॉम सेक्टर में उपलब्ध नहीं है लेकिन इस महीने के अंत में होने वाले 5G सर्विस की नीलामी के साथ ही कंपनी इस क्षेत्र में कदम रख सकती है। ऐसा माना जा रहा था कि गौतम अडानी के टेलीकॉम सेक्टर में आने से सीधी चुनौती मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो और सुनील भारती मित्तल की कंपनी एयरटेल को मिलेगी लेकिन कंपनी ने साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया कि वे फिलहाल मोबाइल बिजनेस में नहीं आने वाले हैं बल्कि निजी बिजनेस के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग लेंगे।
कंटेंट टेबल
- इस बारे में क्या कहता है Adani ग्रुप
- कब हो रही है 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी
- अभी खेल बाकी है
- कैसी है 5G नीलामी की तैयारी
इस बारे में क्या कहता है Adani ग्रुप
इस बारे में अडानी ग्रुप ने एक मीडिया स्टेटमेंट जारी कर बताया कि कंपनी 5जी सेग्मेंट में बिडिंग के लिए जानकारी प्राप्त कर रही है लेकिन फिलहाल उसका कंज्यूमर मोबिलिटी सेग्मेंट में आने का प्लान नहीं है। वे 5जी स्पेक्ट्रम का उपयोग निजी व्यवसाय के लिए करेंगे जिसमें एयरपोर्ट और पोर्ट बिजनेस जैसे काम शामिल हैं। शनिवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वे कोयले के बंदरगाह, विमानन समूह और एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन आदि के लिए 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेना चाह रहे हैं दूरसंचार सेवा में आने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। Amazon Prime Day Sale 2022 : लगने वाली है ऑफर्स की झड़ी, जानें कब और कैसे लें भाग और क्या मिलेगा खास

कब हो रही है 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी
भारत में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी इसी माह 26 जुलाई को होने वाली है। इस नीलामी के लिए मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो, सुनील भारती कंपनी एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां पहले अपनी रुचि दिखा चुकी है। ऐसे में अडानी ग्रुप के आने से यह ऑक्शन और भी मजेदार होने की उम्मीद है। हालांकि कंपनी साफ कर चुकी है कि वे फिलहाल टेलीकॉम सेक्टर में नहीं आएंगे लेकिन ऐसा नहीं कहा गया है कि कभी नहीं आएंगे। इसलिए पूरे टेलीकॉम जगत की नजर अब इस पर रहेगी।
अभी खेल बाकी है
हालांकि भले ही कंपनी ने कह रखा हो कि वह मोबाइल टेलीकॉम सर्विस में नहीं आने वाली है लेकिन हाल में अडानी समूह को NLD यानी National Long-Distance Service का लाइसेंस मिला है जो कि सरकारी संस्था डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन (DOT) द्वारा मोबाइल सेवा प्रदान करने के लिए दिया जाता है। इसके साथ ही ग्रुप को DOT से ILD यानी International Long Distance सर्विसेज के लिए भी लाइसेंस मिला है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कंपनी भले ही आज की तैयारी न कर रही हो लेकिन हो सकता है कि यह कल की तैयारी है जिसकी शुरुआत 5जी स्पेक्ट्रम में भाग लेकर की जा सकती है। इसे भी पढ़ें: VI के 99, 107 और 111 रुपये के प्लान के आगे, Jio, Airtel और BSNL भी हैं फेल
कैसी है 5G नीलामी की तैयारी
भारत में 5G स्पेक्ट्रम के नीलामी के लिए ट्राई ने तैयारी कर ली है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की अनुशंसा के अनुसार 5जी स्पेक्ट्रम की कीमतों में 40 प्रतिशत के कमी का सुझाव दिया गया था जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। वहीं नीलामी के दौरान प्राप्त लाइसेंस की अवधी भी अब 20 सालों के लिए कर दी गई है। इसके साथ ही कुछ शर्तों में भी ढिलाई दी गई है।

5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए इस बार 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 3300 मेगाहर्ट्ज मिडियम और 26 गीगाहर्ट्ज़ हाई फ्रीक्वेंसी बैंड रखे गए हैं। वहीं 26 जुलाई, 2022 से शुरू होने वाले इस नीलामी प्रक्रिया में सरकार द्वारा कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को ब्लॉक पर रखा जाएगा।


















