
भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए हैं। इस खबर के बाद पूरे देश में रोष है तथा चीनी कंपनियों और उनके प्रोडक्ट्स का बॉयकॉट किया जा रहा है। लोग एक दूसरे से चीनी सामान के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं। चीनी ऐप्स को फोन से डिलीट किया जा रहा है और साथ ही चीनी ब्रांड्स के स्मार्टफोंस को भी नकारा जा रहा है। लोग बेशक चाइनीज कंपनियों के फोन लेने से मना कर रहे हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में आधी से भी अधिक आबादी चीनी कंपनियों के ही मोबाइल फोन यूज़ कर रही है।
सोशल मीडिया पर ‘बॉयकॉट चाइनीज प्रोडक्ट्स’ ट्रेंड कर रहा है और चीनी ऐप्स के साथ ही चीनी मोबाइल ब्रांड्स द्वारा बनाए जा रहे प्रोडक्ट्स का भी बहिष्कार किया जा रहा है। इस मुहिम के चलते चीनी कंपनियों के लॉन्च और सेल पर प्रभाव तो जरूर पड़ा है लेकिन स्थिति ऐसी है कि लोग जिस फोन से इंटरनेट पर बॉयकॉट चाइना के कमेंट लिख रहे हैं, वह फोन खुद चीनी कंपनी का ही है। आज अपनी रिपोर्ट में हम यही ब्यौरा लेकर आए हैं कि इस वक्त देश के मोबाइल बाजार में चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी कितनी है और भारतीय कंपनियों की कमर कितनी कमजोर या मजबूत है। ये आकंड़ें आपको चौंका भी सकते हैं।
टॉप 5 स्मार्टफोन ब्रांड में से चार चाइनीज
साल 2020 के पहले क्वॉटर यानि जनवरी-फरवरी-मार्च की बात करें तो भारत में मौजूद टॉप-5 स्मार्टफोन ब्रांड्स में से चार ब्रांड चाइना के ही है। और बड़ी बात यह कि टॉप ब्रांड्स की लिस्ट में भारतीय कंपनी दूर-दूर तक नहीं है। देश के टॉप 5 स्मार्टफोन ब्रांड्स की बात करें तो भारत का नंबर वन स्मार्टफोन ब्रांड Xiaomi है। इस लिस्ट में दूसरा नाम Vivo का है। Samsung इस सूची में तीसरे नंबर पर आती है जो कि एक कोरियन कंपनी है। इसके बाद टॉप 5 में चौथे नंबर पर Realme और पांचवें नंबर पर OPPO काबिज है।
एक साल में दोगुना हुआ चीनी ब्रांड का मार्केट शेयर
2019 Q1 से लेकर 2020 Q1 तक यानि पिछले 1 साल से यही पॉंच कंपनियां टॉप 5 की लिस्ट में शामिल है। बता दें कि इस एक साल के दौरान सभी चारों चीनी कंपनियों का मार्केट शेयर भारत में बढ़ा है। वहीं अकेले Samsung ऐसी कंपनी है जिसके मार्केट शेयर में गिरावट आई है। पिछले की पहली तिमाही में Realme का मार्केट शेयर 7 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 14 प्रतिशत हो गया है। वहीं Vivo भी सैमसंग को पछाड़ते हुए 17 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ दूसरे नंबर पर आ पहुॅंची है। सैमसंग का मार्केट शेयर 16 प्रतिशत है जबकि Xiaomi की बाजार में हिस्सेदारी 30 प्रतिशत की हो चुकी है। इंडियन स्मार्टफोन मार्केट के करीब 73 प्रतिशत हिस्से पर चीनी कंपनियों का कब्जा है यानि 100 में से 73 इंडियन चीनी ब्रांड के स्मार्टफोन यूज़ करते हैं।
We want to make India a larger player of electronics manufacturing in the global market.
In 2014-15 value of mobile produced was Rs 18,992 crore with 6 crore units and in 2018-19 it increased to Rs 1,70,000 crore in value and 30 crore in terms of units. pic.twitter.com/DM5fbKLIqd— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 17, 2020
देश के आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद के अनुसार इस वक्त भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरर है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान इंडिया ने 4.15 करोड़ मोबाइल फोंस का निर्यात दूसरे देशों में किया है। मंत्रालय के अनुसार साल 2014-15 के दौरान भारत में 18,992 करोड़ की रकम वाली 6 करोड़ मोबाइल यूनिट्स का निर्माण किया गया था। वहीं साल 2018-19 में यह रकम बढ़कर 1,70,000 करोड़ हो गई और मोबाइल यूनिट का प्रोडक्शन बढ़कर 30 करोड़ हो गया।
15 करोड़ में से 11 करोड़ स्मार्टफोन चीनी ब्रांड के
आज भी भारत में स्मार्टफोंस के निर्माण की बजाय उन्हें असेंबल किया जाता है और इसके लिए मोबाइल के पार्ट्स भी चीन व दूसरे देश से ही आयात किए जाते हैं। भारत का स्मार्टफोन बाजार दो लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है और इनमें अधिकांश हिस्सेदारी चीनी कंपनियों की ही है। रिपोर्ट के अनुसार इंडियन मार्केट के 15.8 करोड़ स्मार्टफोंस में से तकरीबन 11.4 करोड़ स्मार्टफोन चीनी ब्रांड के हैं। पिछले साल यानि 2019 में Xiaomi ने भारत में 4.36 करोड़ स्मार्टफोन बेचे थे जो किसी भी मोबाइल ब्रांड द्वारा एक साल में बेचे गए स्मार्टफोंस का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
ये आंकड़े साफ करते हैं कि भारतीय यूजर्स अभी भी चीनी कंपनियों पर भरोसा करते हैं और प्रोडक्ट्स यूज़ करते हैं। कम कीमत पर अच्छी स्पेसिफिकेशन्स प्रदान करना इसकी एक बड़ी वजह है। वहीं दूसरी ओर Karbonn, Micromax, Lava और Intex जैसी भारतीय कंपनियों का समय के साथ न बदलना और क्वॉलिटी से समझौता करना भी इन्हें आम जनता से दूर ले गया। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े होने के चलते हम निष्पक्ष रहते हुए किसी खास ब्रांड को यूज़ करने या बॉयकॉट करने की सलाह नहीं देते हैं, और टेक्नोलॉजी व स्मार्टफोन जगत से जुड़ी सभी खबरों को समान तव्वज़ों के साथ प्रकाशित करते हैं।




















