No Signal पर भी मोबाइल यूजर्स कर सकेंगे कॉल, जानें कैसे

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भारत में अब लाखों मोबाइल यूजर्स नेटवर्क सिग्नल कम होने पर कॉल कर सकेंगे। जी हां, 17 जनवरी को लॉन्च की गई इंट्रा सर्कल रोमिंग (ICR) सर्विस की मदद से BSNL, Jio और Airtel यूजर्स को किसी भी उपलब्ध नेटवर्क से जुड़कर कॉल करने और 4G डाटा का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी है। यह सर्विस डिजिटल भारत निधि (DBN) द्वारा वित्त पोषित 4G मोबाइल साइट्स के उद्घाटन के दौरान प्रस्तुत की गई, जो दूरदराज क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए एक सरकारी पहल है।
इस कदम से यूजर्स को अब अपने नेटवर्क प्रदाता के टावरों तक ही सीमित नहीं रहना पड़ेगा, जिससे कमजोर सिग्नल वाले क्षेत्रों में भी निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकेगी।

इंट्रा सर्कल रोमिंग कैसे काम करती है?

ICR सेवा टेलिकॉम कंपनियों को DBN-फंडेड टावरों पर शेयर इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की अनुमति देती है। इसका मतलब यह है कि यदि यूजर्स का प्राथमिक नेटवर्क उपलब्ध नहीं होता, तो उनका फोन स्वचालित रूप से उस टावर पर मौजूद किसी अन्य नेटवर्क से जुड़ जाएगा। BSNL, Jio और Airtel के बीच यह सहयोग यह सुनिश्चित करता है कि विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में अधिक लोग बिना किसी अतिरिक्त लागत के निर्बाध 4G सेवाओं का लाभ उठा सकें।

ग्रामीण भारत में कनेक्टिविटी का विस्तार

इस सरकारी पहल का लक्ष्य 35,000 से अधिक गांवों में विश्वसनीय मोबाइल कवर प्रदान करना है, जिसमें लगभग 27,000 मोबाइल टावरों का इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस सर्विस का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह कदम डिजिटल विभाजन को समाप्त करेगा और सेवा से वंचित क्षेत्रों में निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।

इससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि इन इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी निरंतर बनी रहे। अब तक, DBN-फंडेड टावर केवल उस टेलिकॉम ऑपरेटर के लिए उपलब्ध थे, जिसने इन्हें स्थापित किया था, जिससे अन्य यूजर्स इन टावरों से कनेक्ट नहीं कर पाते थे। लेकिन ICR सेवा के आने से अब किसी भी नेटवर्क के उपयोगकर्ता इन टावरों का लाभ उठा सकते हैं, जिससे उन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा, जहां नेटवर्क बाधाएं अक्सर होती थीं।