जानें क्या है Android 11 ‘Go’ edition और क्यों है यह इंडियन यूजर्स के लिए बेहद खास

किसी भी देश की कोई भी मोबाइल कंपनी हो या कोई भी ब्रांड हो। सभी के स्मार्टफोंस Google के बनाए गए एंडरॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं। हर साल गूगल इस ओएस को और भी एडवांस करते हुए नया वर्ज़न लेकर आती है और कुछ दिनों पहले ही शानदार फीचर्स से लैस नया ऑपरेटिंग सिस्टम Android 11 लॉन्च किया गया है। एंडरॉयड 11 को ऑफिशियल किए जाने के कुछ ही दिनों बाद गूगल ने घोषणा कर दी है है कि कंपनी जल्द ही Android 11 Go edition भी लेकर आएगी। एंडरॉयड का गो एडिशन इंडियन स्मार्टफोस यूजर्स के लिए कई मायनों में बेहद खास है और भारत में यह मोबाइल फोन यूज़ करने का अहसास और अंदाज दोनो बदलने में सक्षम है। आज हम अपने पाठकों के लिए यही जानकारी लेकर आए हैं कि आखिर एंडरॉयड 11 गो एडिशन क्या है, यह एंडरॉयड 11 से कितना अलग है और भारतीय यूजर्स को इससे क्या फायदा होने वाला है।
क्या होता है Go edition
कुछ दिनों पहले ही Android 11 लॉन्च हुआ था, तो अब यह Android 11 Go edition नाम से क्या नया मार्केट में आया है। अगर आपके पास भी यही सवाल है तो बता दें कि यह एक तरह से एंडरॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का लाइट वर्ज़न है। गूगल की ओर से जारी एंडरॉयड 11 से जब फोन को अपडेट किया जाता है तो कुछ MB की डाटा फाइल बनती है, जो सिस्टम रैम के साथ ही फोन की इंटरनल स्टोरेज को भी यूज़ करती है। ओएस द्वारा यूज़ किया गया वह स्पेस बहुत ज्यादा तो नहीं होता है लेकिन ऐसे एंट्री लेवल स्मार्टफोन जो 1GB या 2GB RAM मैमोरी को कम स्टोरेज के साथ आते हैं उनमें एंडरॉयड ओएस को डाउनलोड और इंस्टाल करना मुश्किल होता है।
ऐसे ही स्मार्टफोंस के लिए गूगल ने Android (Go edition) का निर्माण किया है। यह एंडरॉयड खास तौर पर ऐसे ही स्मार्टफोंस के लिए बनाया गया है जो 1 जीबी या 2 जीबी रैम मैमोरी के साथ लॉन्च किए जाते हैं। ऐसे एंट्री लेवल तथा लो बजट स्मार्टफोंस में एंडरॉयड ‘गो’ एडिशन डाउनलोड होने तथा प्रोसेसिंग के लिए बेहद कम स्पेस लेता है तथा फोन में मौजूद हल्के चिपसेट पर ज्यादा लोड नहीं पड़ने देता है।
क्यों अलग है Android (Go edition)
कम रैम और हल्के प्रोसेसर वाले स्मार्टफोंस के लिए बने एंडरॉयड ‘गो’ एडिशन के स्मूथ और लैग फ्री प्रोसेसिंग के लिए गूगल ने इस पूरे ऑपरेटिंग सिस्टम को ‘लाइट’ ऐप्स से लैस किया है। एंडरॉयड 11 के गो एडिशन पर चलने वाले सभी स्मार्टफोंस में गूगल द्वारा बनाई गई और चलाई जा रही फोन ऐप्लीकेशन्स का ‘गो’ वर्ज़न दिया जाएगा। इसमें ब्राउजिंग के लिए Google Go और YouTube Go के साथ ही Gallery Go, Camera Go, Assistant Go जैसे फीचर्स देखने को मिलेंगे।
एंडरॉयड गो एडिशन में सभी Google apps कुछ इस तरह डिजाईन की जाती है कि वह फोन में रैम व स्टोरेज का कम स्पेस घेरे। थोड़ी मैमोरी लेने के साथ ही ये ऐप्स तेजी से लोड होती है और रन करती है। इसी तरह ये ऐप्स कुछ इस तरह से कस्टमाइज की जाती है कि वह यूज़ के दौरान में फोन में मौजूद इंटरनेट डाटा की खपत भी कम करती है और फोन की बैटरी भी कम यूज़ करती है। मतलब फास्ट, हेल्पफुल और इजी टू यूज़।
क्या है फायदा
एंडरॉयड गो एडिशन क्यों एडिशन क्यों खास है इतना जानने के बाद यह अपने आप ही समझ आ जाता है कि किसी लो बजट और एंट्री लेवल स्मार्टफोन में Android 11 Go edition होने का क्या फायदा होगा। यह ऑपरेटिंग सिस्टम डाटा सेविंग करेगा और इंटरनेट की खपत कम होगी। गूगल के अनुसार इस ओएस की वजह फोन एंट्री लेवल स्मार्टफोन में ऐप्स पहले की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक तेजी से रन करेगी।
एंडरॉयड 11 के गो एडिशन से फोन में मौजूद रैम मैमोरी 270 MB तक खाली रहेगी जो अधिक ऐप्स रन करने और गेम खेलने में काम आएगी। इसी तरह गो एडिशन में मौजूद ऐप्स बेसिक वर्ज़न की तुलना में 900 MB तक अधिक फोन स्टोरेज को बचाती है। Android 11 Go edition को कंपनी ने Google Lens से लैस किया है जो टेक्स्ट को स्पीच में बदलता है वहीं साथ ही गो एडिशन शानदार बिल्ट-इन सिक्योरिटी फीचर्स से लैस है।
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