
मार्केट रिसर्च फर्म Canalys की नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में चल रही चिपसेट की कमी के चलते जुलाई-सितंबर के दौरान स्मार्टफोन शिपमेंट में साल-दर-साल 6 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले साल से ग्लोबल मार्केट में चिपसेट की कमी के चलते स्मार्टफ़ोन से लेकर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस निर्माता मांग की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। ब्लूमबर्ग ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक, Apple भी चिपसेट की कमी के चलते लेटेस्ट iPhone 13 की उतनी इकाइयों का उत्पादन नहीं कर पाएंगा, जितनी कि उसने प्लानिंग की है। Canalys की रिपोर्ट की माने तो चिपसेट की कमी आने वाले साल 2022 में भी जारी रहने की उम्मीद है। यानी स्मार्टफोन निर्माताओं के लिए कठिन समय जारी रहेगा। इसका सीधा असर उन ग्राहकों पर भी पड़ेगा जो स्मार्टफोन पर डिस्काउंट की उम्मीद लगा रहे हैं।
सैमसंग ने मारी बाजी
स्मार्टफ़ोन शिपमेंट की बात करें तो 2021 के तीसरे क्वार्टर में सैमसंग सबसे बड़ी कंपनी बनकर उभरी है। जुलाई से सितंबर तक सैमसंग की मार्केट में कुल हिस्सेदारी 23 प्रतिशत की रही है। इसके साथ ही ग्लोबल मार्केट में स्मार्टफ़ोन शिपमेंट के मामले में सैमसंग पहले पायदान पर रही। वहीं 15Opp प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ Apple दूसरे पायदान पर रहा है।
Apple की पिछले साल मार्केट में हिस्सेदारी 12 प्रतिशत की थी। शाओमी पिछले साल 14 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर था अब फिसलकर तीसरे नंबर पर आ गया है। Vivo और OPPO (OnePlus शिपमेंट के साथ) दोनों कंपनियों की मार्केट में 10-10 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ चौथे और पांचवें पायदान पर हैं। यह भी पढ़ें : OPPO जल्द OLED डिस्प्ले, Snapdragon 888 प्रोसेसर और 50MP कैमरा के साथ लॉन्च करेगा पहला फोल्डेबल फोन
यह कहना कठिन है कि चिपसेट की कमी के चलते स्मार्टफ़ोन निर्माता कंपनियों को कब तक प्रभावित करेगी, लेकिन यह साफ़ है कि चिपसेट की कमी के चलते इंडस्ट्री काफ़ी प्रभावित हुई और इसे पहले की तरह ठीक होने में अभी काफ़ी वक़्त लगेगा। यह भी पढ़ें : Vivo S10e का डिजाइन और स्पेसिफिकेशन्स लॉन्च से पहले हुए लीक, जानें क्या होंगी खूबियां



















