
स्मार्टफोन के कैमरे में पिछले कुछ सालों में काफी बदलाव देखा गया है। ब्लर ईमेज से लेकर आज वेल डिटेन्ड फोटोग्राफ्स तक, अनेंको तकनीके जुड़ी है। इसी दौरान स्मार्टफोन फोटोग्राफी में फ्रंट कैमरे ने खासी लोकप्रियता हासिल की है। फ्रंट कैमरे के चलते सेल्फी ने भी काफी नाम कमाया है, और हो भी क्यों न जब अपनी फोटो के लिए आपको अपना फोन किसी और के हाथ में देने की ही जरूरत न पड़े। बल्कि आजकल आपको ज्यादातर लोग रियर कैमरे के बजाय फ्रंट कैमरे से ही फोटो लेते नज़र आएंगे।
यद्यपि सेल्फी कैमरे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ‘फिल्ड आॅफ व्यू’। आप सोच रहे होंगे की यह कैसे किसी भी सेल्फी के पूरे अनुभव को बदल सकता है। आज यही सब आपको हम बताने वाले है लेकिन, पहले जरा एक सेल्फी ले लें।
सच कहा जाए तो वाईड एंगल लेंस अच्छी सेल्फी के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण फ़ीचर है। सेल्फी स्टीक हो या नहीं, लेकिन यह सच ही है कि फ्रंट कैमरे से रियर कैमरे की अपेक्षा ज्यादा नज़दीक से फोटो क्लिक करनी पड़ती है। और फोटोग्राफी का यह साधारण का नियम है कि आप लैंस के जितना ज्यादा पास होंगे उतना की कम एरिया आप फोटो में कैप्चर कर पाएंगे। इसी के चलते सेल्फी में न सिर्फ आप कैमरे में बहुत पास होते हैं बल्कि उतना ही कम बैकग्राउंड कैप्चर कर पाते है।
जेडटीई ने प्रदर्शित किया दुनिया का यह पहला 5जी स्मार्टफोन
जरा सोचिए, आपने एक क्रिसमस ट्री सजाया और अब उसके साथ सेल्फी लेना चाहते हैं। ऐसे में यदि आपके फोन का कैमरा नैरो फिल्ड आॅफ व्यू वाला होगा तो एक ही फ्रेम में ट्री और खुद को सेट करने में आपको समस्या होगी। वहीं दूसरी ओर अगर फोन में वाईड एंगल लैंस होगा तो आप अपने आप पास की चीजों को भी एक ही फ्रेम में जोड़ सकेंगे।
यह फर्क आपको तब ज्यादा समझ में आएगा जब आप ग्रुप सेल्फी लेना चाहते हों। क्या कभी ऐसा हुआ है जब आपने चार या अधिक लोगों के साथ ग्रुप सेल्फी लेनी चाही हो फ्रेम में सभी को शामिल करने में दिक्कत हुई हो? एक वाईड एंगल लेंस इस तरह की परेशानियों से निजात दिलाता है और ऐसा नहीं है कि स्मार्टफोन निर्माता वाईड एंगल फ्रंट कैमरे से लैस न बना पाते हो।
64जीबी मैमोरी और सर्ज एस1 चिपसेट पर लॉन्च हुआ शाओमी मी5 सी
यह तकनीक आज उपलब्ध है, और वो भी कम कीमत पर। हालांकि हर कंपनी ऐसे फोन नहीं बनाती। अपको ऐसे कमाल के फ़ीचर्स कुछ चुनिंदा स्मार्टफोन्स में ही मिलते हैं। ओपो ने एफ1एस और ए57 जैसे स्मार्टफोन्स को ऐसी तकनीक व फ़ीचर से लैस किया है। इसी तरह सैमसंग गैलेक्सी एस7 और एलजी वी20 जैसे फोन भी इस सूची में शामिल हैं।
एक साधारण फ्रंट कैमरा और 80-डिग्री या 85-डिग्री लैंस वाले किसी वाईड एंगल कैमरे में काफी अंतर है। बिना अतिक्ति फिल्ड आॅफ व्यू के मानों आप एक आॅंख से संसार देख रहे हों। ऐसा नहीं है कि मेगापिक्सल काउंट कैमरे और फोटोग्राफी में महत्व नहीं रखते। लेकिन सिर्फ मेगापिक्सल को ही ध्यान में रखकर फोन का चयन करना भी बेमानी है। जब हम सिर्फ फ्रंट कैमरा की बात करते हैं तो बहुत सी ऐसे बिंदु हैं जिनका हमें ध्यान रखना चाहिए। फिर बेशक वह वाईड एंगल क्षमता हो, डॉयनेमिक रेंज हो या फिर लो लाईट परफॉर्मेंस हो। आज बाजार में ऐसे स्मार्टफोन्स उपलब्ध हो जो कैमरा डिपार्टमेंट की सभी ईकाइयों में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं और भविष्य की सेल्फी को और शानदार बना रहे हैं।




















