
बहुत बार ऐसा होता है कि मोबाइल यूजर अपनी टेलीकॉम कंपनी के नेटवर्क, इंटरनेट व अन्य सर्विस से इस हद तक परेशान हो जाता है कि उसे छोड़ देना चाहता है। MNP यानी Mobile Number Portability के जरिये अपना मोबाइल नंबर बदले बिना ही टेलीकॉम कंपनी को बदला जा सकता है। एमएनपी क्या है?, MNP का फायदा क्या है? तथा मोबाइल नंबर पोर्ट कैसे करते हैं? ये सभी जानकारी आगे के लेख में पढ़ सकते हैं।
मोबाइल नंबर पोर्ट कैसे करें?
स्टेप 1. अपने फोन के SMS बॉक्स में जाकर नया मैसेज लिखने का ऑप्शन खोलें।
स्टेप 2. यहां PORT और एक स्पेस देकर अपना मोबाइल नंबर टाईप करें। उदाहरण : PORT 901#####88
स्टेप 3. मैसेज टाईप हो जाने के बाद इसे 1900 नंबर पर भेज दें।

स्टेप 4. मैसेज सेंड होते ही आपको एक नया मैसेज प्राप्त होगा जो 1901 नंबर से आया होगा।
स्टेप 5. बता दें कि आपको यह पोर्टिंग कोड तब ही प्राप्त होगा जब फोन बिल पूरी तरह से पेड होगा।
स्टेप 6. 1901 नंबर से प्राप्त हुए मैसेज में 8 अंको का यूनिक कोड होगा। इसे पोर्टिंग कोड या UPC भी कहा जाता है।
स्टेप 7. इस 8 अंको के कोड में शुरू के दो इंग्लिश के अलफ़ाबेट होंगे और बाकी 6 डिजिट होंगी।
स्टेप 8. बता दें कि यह पोर्टिंग कोड कुछ दिनों के लिए ही मान्य होता है और इस दिनों के भीतर ही इस कोड को यूज़ किया जा सकता है।
स्टेप 9. इस यूनिक पोर्टिंग कोड को उस कंपनी के आउटलेट या स्टोर पर लेकर जाना है, जिस कंपनी के नेटवर्क पर आप अपना नंबर बदलवाना चाहते हैं।
स्टेप 10. आउटलेट पर एप्लीकेशन फॉर्म भरवाया जाएगा और इसके साथ ही नई सिम दे दी जाएगी। आज कल दूरसंचार कंपनियां होम डिलीवरी भी करती है और ये सभी प्रोसेस डोर स्टेप भी होने लगे हैं।
Note: Airtel, Jio, Vodafone-Idea और BSNL सहित सभी कंपनियों के लिए एक जैसा ही प्रोसेस है।
MNP का फायदा
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसमें यूजर को अपना मोबाइल नंबर बदलना नहीं पड़ता। यानी उपभोक्ताओं को फोन नंबर तो वही रहता है लेकिन उसका ऑपरेटर यानी कि मोबाइल कंपनी बदल जाती है। MNP सर्विस मोबाइल यूजर को मौका देती है कि वह अपनी मर्जी के अनुसार अपनी मोबाइल कंपनी भी चुन सकते हैं। ग्राहकों जिस कंपनी को पसंद करते हुए उससे जुड़ना चाहते हैं, वह मोबाइल कंपनी अपनी खुद की सिम मुहैया कराती है जिसमें मोबाइल नंबर वही पहले वाला होता है।
PostPaid नंबर भी कर सकते हैं पोर्ट
Prepaid यूजर्स की तरह Postpaid उपभोक्ता भी एमएनपी सर्विस का लाभ उठा सकते हैं। ऐसे में जो ग्राहक अपने मौजूदा टेलीकॉम नेटवर्क को छोड़कर दूसरी कंपनी से जुड़ने की योजना बना रहे हैं, वह ऊपर बताए गए प्रोसेस को फॉलो कर सकते हैं।
सवाल-जवाब (FAQ)
घर बैठे सिम को पोर्ट कैसे करें?
आपको अपने मोबाइल नंबर से 1900 नंबर पर एक टेक्स्ट मैसेज भेजना होगा, जिसके बाद आपको पोर्टिंग कोड प्राप्त होगा।
सिम पोर्ट करने के लिए क्या क्या डॉक्यूमेंट चाहिए?
आपको अपने किसी पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होगी।
पोर्ट करने से क्या फायदा है?
नंबर पोर्ट करने का फायदा यह होता है कि आप अपना नंबर बदले बिना ही मौजूद टेलीकॉम कंपनी को बदल कर नई कंपनी की सेवाएं ले सकते हैं।
नंबर पोर्ट करने का कोड Unique Porting Code (UPC) कितने दिनों तक के लिए वैध होता है?
नंबर पोर्ट करने के लिए SMS से आया Unique Porting Code (UPC) 4 दिनों के लिए वैध होता है।
मोबाइल नंबर पोर्ट करने का क्या शुल्क है?
मोबाइल नंबर पोर्ट करने के लिए अधिकतम शुल्क 6 रुपये और 46 पैसे निर्धारित है।
क्या एक बार मोबाइल पोर्ट करने के बाद फिर से उसी सर्विस प्रोवाइडर के पास वापस आ सकते हैं? यदि हां तो क्या प्रक्रिया है?
हां, यदि आपने अपना नंबर किसी दूसरे ऑपरेटर में पोर्ट कर लिया है तो 90 दिनों के बाद फिर से वापस आप पुराने ऑपरेटर के पास आ सकते हैं। वापस आने का तरीका भी वैसा होगा जैसे आपने पहले पोर्ट किया था।


















