Elon Musk की SpaceX का नाम आपने सुना ही होगा। विज्ञान और तकनीक की अनूठी मिसाल बने स्पेसएक्स (स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज कार्पोरेशन) के रॉकेट्स दुनियाभर में मशहूर हैं और अब ऐसे ही रॉकेट हमारे देश भारत में भी बनने वाले हैं। ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) आने वाले समय में SpaceX Falcon 9 और Starship की तर्ज पर ही अपने देशी रॉकेट बनाएगा जो Reusable होंगे तथा एक बार लॉन्च किए जाने के बाद अपना काम पूरा करके वापिस अपनी जगह पर लौट आएंगे।
ISRO बनाएगी SpaceX जैसे रॉकेट
खबर आ रही है कि भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो भी स्पेसएक्स की तरह रियूजेबल रॉकेट बनाएगी। इस वक्त ISRO का सबसे कामयाब रॉकेट PSLV है जो कई सालों में इंडियन सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचा रहा है। पीएसएलवी के बाद अब भारत सरकारी वीटीवीएल रॉकेट पर काम करने की योजना बना रही है।
केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के एक वक्तव्य में सामने आया है कि गर्वनमेंट का स्पेस डिपार्टमेंट ऑटोनॉमस प्रेसिशन लैंडिंग ऑफ स्पेस रॉकेट पर काम कर रहा है और ऐसे रॉकेट्स से जुड़ी टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है जो वर्टिकल टेकऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग वाले रॉकेट्स बनाने में सक्षम होगी। Mangalyaan Mission: मंगलयान से टूटा संपर्क! खत्म हुआ दुनिया का सबसे सफल स्पेस मिशन
SpaceX Falcon 9 और Starship
ISRO की नई पहल से पहले आपको बता दें कि आखिर स्पेस-एक्स फाल्कन 9 और स्टारशिप क्या है। Falcon 9 और Starship एलन मस्क की SpaceX के सबसे पावरफुल और एडवांस रॉकेट हैं। ये Reusable Rocket रॉकेट है जो कई बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं। ये रॉकेट अपनी जगह से स्पेस में जाते हैं तथा सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़कर वापिस उसी जगह पर लौट आते हैं। अन्य रॉकेट्स की तरह से अंतरिक्ष में घूमते नहीं रहते हैं। Elon Musk और SpaceX ऐसे ही रॉकेट के जरिये इंसान को मंगल की सैर कराने की प्लानिंग कर रहे हैं।
एलन मस्क कौन हैं?
Elon Musk भले ही अमेरिका के रहने वाले हो लेकिन इंडिया में भी विज्ञान और आविष्कार की समझ रखने वाले लोग इनके नाम और काम से परिचित हैं। एलन मस्क हाल ही में Twitter को खरीदकर दुनियाभर की सुर्खियां बटोर चुके हैं लेकिन इससे पहले TESLA और SpaceX जैसे प्रोजेक्ट्स के साथ ये पहले ही विश्व में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं।
ISRO नाम हो रहा है दुनिया में उंचा
दुनियाभर के स्पेस एजेंसी के बीच हमारी इसरो तेजी से प्रसिद्धि हासिल कर रही है। दुनियाभर की सरकारें, संस्थाएं और बड़ी कंपनियां नेटवर्क, कम्नूनिकेशन और सर्वर इत्यादि के लिए कई तरह के सैटेलाइट्स लॉन्च करती है और ISRO ऐसे कार्यों को अन्य स्पेस एजेंसियों के तुलना में बेहद काम लागत में सफलतापूवर्क कर देती है। ऐसे में रीयूजेबल ऑटोनॉमस VTVL रॉकेट्स भारत में अगर शुरू हो जाएंगे तो इसरो बेहद तेजी से तरक्की करेगी तथा अनेंको स्पेस मिशन को आसानी से पूरा कर पाऐगी।