Virtual RAM किसे कहते हैं और मोबाइल फोंस में इसका क्या है काम? इस कमाल की तकनीक के बारे में जानें यहां

https://static.hub.91mobiles.com/multisite/wp-content/uploads/sites/7/2022/01/Virtual-RAM-technology.jpg

Virtual RAM, Expandable RAM या फिर RAM Expansion technology ये शब्द आपने जरूर सुनें होंगे। बोलने-पढ़ने में बेशक ये शब्द अलग-अलग लग रहे हैं लेकिन इन सबका मतलब एक ही है। मोबाइल फोंस के विज्ञापन या खबरों में आपने सुना होगा कि फलां स्मार्टफोन 8GB RAM पर लॉन्च हुआ है लेकिन उसमें 13GB RAM तक की परफॉर्मेंस मिलेगी। यह जो एक्स्ट्रा 5जीबी पावर है उसे ही वर्चुअल रैम या एक्सपेंडेबल रैम कहा जाता है। आज लगभग सभी स्मार्टफोन ब्रांड अपने मोबाइल फोंस को रैम एक्सपेंशन टेक्नोलॉजी से लैस करके लॉन्च कर रहे हैं। आगे आर्टिकल में हमने आसान भाषा में अपने पाठकों को समझाने की कोशिश की है कि वर्चुअल रैम होती क्या है और किस तरीके से काम करती है। साथ ही आप जानेंगे कि किसी स्मार्टफोन में वर्चुअल रैम होने के क्या फायदे होते हैं।।

RAM क्या है

वर्चुअल रैम से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर रैम क्या होती है। यहां सिंपल भाषा में बात करें तो मोबाइल फोन में जब कोई ऐप्लीकेशन इंस्टाल की जाती है तो वह इंटरनल मैमोरी में स्टोर होती है और उन ऐप्स को ओपेन या रन किया जाता है तो उसके लिए RAM का इस्तेमाल होता है। मतलब जो भी ऐप चलेगी वह रैम मैमोरी पर चलेगी और एक ऐप पर काम करने के दौरान अचानक से बीच में दूसरी ऐप को ओपन कर लेना तथा फिर किसी तीसरी ऐप पर चले जाना जैसे स्विचिंग कार्यो व मल्टीटॉस्किंग को फोन की रैम द्वारा ही हैंडल किया जाता है।

Virtual RAM क्या है

फोन में जितना ज्यादा रैम मैमोरी होगी, उसको मल्टीटॉस्किंग करने के लिए उतना ही ज्यादा स्पेस मिलेगा तथा हर तरह के कार्य स्मूथली काम करेंगे। आजकल हैवी गेम व बड़ी-बड़ी ऐप्स आने लगी हैं जिन्हें काम करने के लिए ज्यादा स्पेस चाहिए होता है तथा उनकी सिस्टम फाईल्स भी बड़ी होती है। ऐसी ही कई ऐप्लीकेशन्स को भरपूर मैमोरी मुहैया कराने के लिए वर्चुअल रैम तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जो जरूरत पड़ने फोन की इंटरनल स्टोरेज को ही अपनी प्रोसेसिंग के लिए यूज़ कर लेती है।

यह भी पढ़ें : स्मार्टफोन के लिए कितनी GB RAM है काफी? क्या वाकई में है 8जीबी और 12जीबी रैम वाले मोबाइल की जरूरत

मोबाइल फोन में वर्चुअल रैम कैसे करती है काम

अब तक आप समझ चुके हैं कि वर्चुअल रैम में फोन ही इंटरनल स्टोरेज शामिल होती है। स्मार्टफोन ब्रांड फोन को बाजार में लाते वक्त उसकी इंटरनल स्टोरेज का कुछ हिस्सा वचुर्अल रैम के लिए रिजर्व कर देते हैं। यह हिस्सा फोन में सेव की जाने वाली फोटो, वीडियो व अन्य फाइल्स में काम नहीं आता है। और जब काम करते वक्त फोन में मौजूद रैम कम पड़ने लगती है तब प्रोसेसिंग को स्मूथ और फास्ट बनाए रखने के लिए इंटरनल स्टोरेज का वह हिस्सा रैम के साथ मिलकर काम करने लगता है और चलाई जा रही ऐप्स उस ​एक्टेंडेड रैम या वर्चुअल रैम मैमोरी पर रन करने लगती है।

Virtual RAM के फायदें

एक बार में स्मार्टफोन पर जो भी काम किया जाता है वह सब रैम मैमोरी पर होता है। WhatsApp पर चैटिंग, Instagram/FaceBook पर फीड स्क्रॉलिंग और YouTube पर वीडियो से लेकर फोन में गेम खेलना या किसी को फोन मिलाना और कॉल रिसीव करना, यह सब RAM के जरिये होता है। अगर फोन में रैम काफी है तो आप ये सभी कार्य स्मार्टफोन में एक ही साथ कर सकते हैं। वर्चुअल रैम इंटरनल मेमोरी का इस्तेमाल करके रैम की क्षमता बढ़ा देगी और सभी ऐप्स व टॉस्क बैकग्राउंड में चलते रहेंगे तथा ये सारे काम बिना रूके, बिना लैग हुए, बिना हैंग हुए चलते रहेंगे।