
Online Shopping अब सिर्फ मैट्रो सिटीज़ में ही नहीं बल्कि छोटे शहर व कस्बों में भी आम होने लगी है। बिना बाजार के धक्के खाए घर बैठे बैठे ही अपनी पसंद की चीज ऑनलाइन ऑर्डर की जा सकती है। डिजिटल इंडिया अभियान (Digital India) में भी ऑनलाइन शॉपिंग को बढ़ावा मिल रहा है। लेकिन कई बार ऐसी खबरें सामने आती रहती है जो ऑनलाइन शॉपिंग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हैं। ऐसा ही एक केस बेंगलुरू से सामने आया है जहां Flipkart पर 12,499 रुपये का स्मार्टफोन ऑर्डर करने के बाद मोबाइल की डिलीवरी नहीं मिली है।
ऑनलाइन शॉपिंग में झोल तो बहुत होते हैं लेकिन यह नया मामला कुछ अलग और दिलचस्प है। अमूमन शॉपिंग साइट्स की गलती की वजह से ग्राहकों को चूना लगता है परंतु इस केस एक में महिला को 12 हजार बजट वाले फोन के बदले 42 हजार मिले हैं। इस मामले में ई-कॉमर्स साइट Flipkart की लापरवाही कंपनी पर भारी पड़ी है तथा फायदा आम कस्टमर को हुआ है। यह वाकया बेंगलुरू है जिसने उपभोक्ता अधिकार यानी consumer rights के प्रति भी लोगों को जागरूक किया है।
पेमेंट करने के बावजूद नहीं डिलीवर हुआ फोन
मीडिया रिपोर्ट के जरिये सामने आया है कि बेंगलुरू में रहने वाली एक महिला ने ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट से एक स्मार्टफोन ऑर्डर किया था जिसकी कीमत 12,499 रुपये थी। लेकिन इस वेबसाइट की ओर से उन्हें फोन डिलीवर नहीं किया गया। महिला ने कई शिकायतें की, लेकिन फ्लिपकार्ट से बार-बार कॉन्टैक्ट करने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिला और महिला का मोबाइल फोन भी उस तक नहीं पहुंचाया गया।
Flipkart के गैरजिम्मेदाराना रवैये से परेशान इस महिला ने कानून का सहारा लिया तथा कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज करवा दी। महिला की समस्या को समझते हुए कोर्ट ने शॉपिंग साइट फ्लिपकार्ट को न सिर्फ महिला के फोन की कीमत बलिक साथ ही कई भुगतान करने का भी ऑर्डर दे डाला है। 12,499 रुपये के मोबाइल के बदले अब फ्लिपकार्ट 42 हजार रुपये का भुगतान उस महिला को करेगी।
कस्टमर को हुई परेशानी की वजह से देने पड़ेंगे 42 हजार रुपये
कंज्यूमर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए फ्लिपकार्ट को आदेश दिया है कि उसे महिला को मोबाइल का पूरा प्राइस यानी 12,499 रुपये वापिस करने होंगे तथा साथ ही इस कीमत पर 12 प्रतिशत का सालाना ब्याज भी अलग से देना होगा। सिर्फ इतना ही नहीं कंज्यूमर कोर्ट ने फ्लिपकार्ट को टर्म्स ऑफ सर्विस में लापरवाही दिखाने तथा अनएथिकल प्रैक्टिसेस फॉलो करने का दोषी मानते हुए 20 हजार का फाइन और लीगल खर्च के 10 हजार रुपये भी महिला को देने का आदेश दे डाला है।