
आॅनलाईन फ्रॉड, डाटा चोरी और सर्वर हैंकिग जैसे साईबर क्राईम वैश्विक स्तर पर किसी भी प्रबंधन और लोगों की निजता में बड़ी सेंध लगा रहे हैं। इंटरनेट के इस जगत में कोई भी देश इससे अछूता नहीं रहा है। एक ताजा खबर में याहू ने यह बात कहते हुए पूरी दुनिया को चौंका दिया है कि साल 2013 के दौरान कंपनी के सर्वर में सेव एक बिलियन यूजर्स का डाटा हैक कर चोरी किया गया था।
वेरिज़ोन द्वारा अधिकृत याहू द्वारा बयान दिये जाने के बात यह साफ हो गया है कि 2014 के दौरान इंटरनेट की दुनिया में हुए सबसे बड़े साइबर हैक में याहू को भी अपने सर्वर की सुरक्षा नाकामयाब रही थी। हालांकि याहू का कहना है कि कंपनी यूजर्स का पर्सनल डाटा तथा बैंकिंग डिटेल्स अलग-अलग सर्वर में सेव करती है। इसलिए हैक के दौरान सिर्फ यूजर्स का नाम, मोबाईल नंबर, जन्म की तारीख और अन्य निजी जानकारी ही चोरी हुई थी लेकिन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और बैंकिंग डिटेल्स पूरी तरह सुरक्षित रही थी।
गौरतलब है कि याहू ने अपना समूचा कारोबार वेरिज़ोन को तकरीबन 32,495 करोड़ रुपये में सौंपा है और इसी बिजनेस डील के बाद याहू की ओर से कंपनी के सर्वर में लगी सेंध की बात जाहिर की गई है। हालांकि इतने सालों बाद याहू की ओर से इस तरह का बयान आना न सिर्फ कंपनी की साईबर सिक्योरिटी पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है वरन साथ ही याहू की व्यावहारिकता पर भी उंगली उठा रहा है।
अभी हाल में भारत में भी बैंकिंग डाटा हैक होने की खबर आई थी। जहां सरकार ने जानकारी दी थी कि देश भर के 34 लाख अकाउंट हैक हो गए हैं। इसके तुरंत बाद बैंकिंग कंपनियों द्वारा एटीएम पिन बदलने की हिदायत भी दी गई थी।



















