
5G का इंतजार शीघ्र ही खत्म होने वाला है। अब बेहद जल्द इंडियन मोबाइल यूजर्स भी अपने 5जी का लुफ्त उठा पाएंगे। टेक कंपनियों ने जहां पहले ही 5G स्मार्टफोन भारतीय बाजार में लॉन्च करने शुरू कर दिए हैं वहीं आज भारत सरकार ने 5जी के क्षेत्र में एक बड़ी घोषणा कर दी है। DOT यानी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन ने आज भारतीय दूरसंचार कंपनियों को देश में 5जी टेस्टिंग की मंजूरी दे दी है। इन कंपनियों में Airtel, Reliance Jio, Vodafone Idea और MTNL शामिल है।
इंडिया में 5जी की राह खोलते हुए आज दूरसंचार विभाग ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत सरकार की ओर से 5G Technology के उपयोग के परीक्षण के लिए टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को परमिशन दे दी गई है। इन सर्विस प्रोवाइडर्स में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, वोडाफोन आईडिया इंडिया लिमिटेड और एमटीएनएल के नाम शामिल है। डीओटी की ओर से मंजूरी मिलने के बाद ये सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने स्पेक्ट्रम और ऐसेट्स के अनुसार 5जी ट्रायल शुरू कर सकती है।
ये टेक कंपनियां देंगी साथ
सरकार की ओर टेलीकॉम कंपनियों को मंजूरी दिए जाने के साथ ही इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर की सूची भी जारी की गई है जिसमें Ericsson, Nokia, Samsung और C-DOT के साथ ही देशी कंपनी Reliance Jio का नाम भी शामिल है। यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि दूरसंचार विभाग द्वारा पारित लिस्ट में किसी भी चीनी कंपनी का चुनाव नहीं किया गया है। यानी भारत देश में शुरू होने वाली 5जी सर्विस में चीनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यह भी पढ़ें : क्या है 5G, कितना तेज होगा इंटरनेट, जानें इसकी स्पीड
इन बैंड्स पर चलेगा 5G
भारत सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को विभिन्न बैंड्स पर काम करने वाले स्पेक्ट्रम का यूज़ करने की परमिशन दी गई है। प्राप्त जानकारी अनुसार इनमें 3.2 गीगाहर्ट्ज से 3.67 गीगाहर्ट्ज़ वाला मिड-बैंड, 24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़ वाला मिलीमीटर वेव (mmwave) बैंड और 700 गीगाहर्ट्ज़ तक की फ्रिक्वेंसी वाला सब-गीगाहर्ट्ज़ बैंड शामिल रहेगा। सिर्फ यही नहीं सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 5जी परीक्षण के लिए मौजूदा 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का भी उपयोग करने की सलाह दी है।
यहां लगे हाथ आपको बता दें कि एयरटेल और वोडाफोन पहले Huawei कंपनी की 5जी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके देश में 5जी ट्रॉयल का प्रस्ताव पेश कर चुकी है, जिसपर सरकार की प्रतिक्रिया बेहद ठंडी रही थी। बाद में इन दोनों कंपनियों ने अपने आवेदन में किसी भी चीनी कंपनी की तकनीक का इस्तेमाल न किए जाने की बात कही थी, जिसके बाद अब दूरसंचार विभाग की ओर से 5जी परिक्षण की मंजूरी दे दी गई है।