इंडिया में 5G फोंस की शुरूआत हो चुकी है। मोबाइल बाजार की प्रतिस्पर्धा का लाभ सीधे उपभोक्ताओं को पहुॅंच रहा है और आज 18,000 से भी कम बजट में 5जी कनेक्टिविटी सपोर्ट करने वाले स्मार्टफोन इंडियन मार्केट में उतार दिए गए हैं। 5जी की राह में सब तैयार बैठे हैं और अब इंतजार हो रहा है तो बस टेलीकाॅम इंडस्ट्री द्वारा 5G नेटवर्क दिए जाने का। दुनिया के अन्य कई ईलाकों में 5जी सर्विस अपने पैर पसार चुकी है परंतु भारत में इस सर्विस की शुरूआत में थोड़ा वक्त लग रहा है। समय-समय पर हम आपको 5जी इंडस्ट्री से जुड़ी कई अहम जानकारी दे चुके हैं और आज हम बताने जा रहे हैं आखिर कितना फास्ट होगा यह 5G
क्या है 5G
5G मतलब fifth generation. यह तकनीक मोबाइल की 5वीं पीढ़ी है इसीलिए इसे 5जी कहा जाता है। मोटो तौर पर वर्तमान में मौजूद 4G नेटवर्क की बेहतर, उन्नत और एएडवांस टेक्नोलाॅजी है 5G। वैसे तो मौजूदा 4G LTE तकनीक को भी फास्ट सेलुलर कनेक्टिविटी के लिए बनाया गया था लेकिन आने वाली 5जी टेक्नोलाॅजी इससे भी फास्ट होगी। मूल रूप से 5G एक साॅफ्टवेयर आधारित नेटवर्क है जो वायरलेस नेटवर्क की गति क्षमता के विकास व विस्तार में मदद करेगा। यह टेक्नोलाॅजी सिर्फ डाटा क्वॉन्टिटी ही नहीं बढ़ाएगी बल्कि वायरलेस नेटवर्क को भी इन्हाॅस करेगी। 5जी को हाई स्पीड, लो लेटेंसी और फ्लेक्सिबल वायरलेस सर्विस को इंप्रूव करने के लिए डिजाईन किया गया है। यह भी पढ़ें: सस्ता 5G Phone ले रहे हैं तो इन 5 बातों का जरूर रखें ख्याल
कितना फास्ट होगा 5G
5G को लेकर लोगों में सबसे ज्यादा उत्सुकता इसकी स्पीड की वजह से ही है। मौजूदा 4G की टाॅप स्पीड 100mbps यानि 100 मेगाबिट्स प्रति सेकेंड है। वहीं 5G में यह स्पीड सीधे 10gbps (10 जीबी प्रति सेकेंड) हो जाएगी। मतलब 4जी से पूरे 100 गुना अधिक। याद दिला दें कि 3G नेटवर्क पर यह स्पीड 7.2mbps थी। ज़रा सोचिए उस वक्त जब 3जी की शुरूआत हुई थी, मोबाइल यूजर्स में कितना जोश भर गया था। वहीं अब 5जी की स्पीड जब आपके स्मार्टफोन में चलेगी तो क्या होगा।
3G, 4G और 5G तीनों की स्पीड का अगर उदाहरण लें तो किसी 2 घंटे की फिल्म को पहले 3G नेटवर्क पर डाउनलोड करने में तकरीबन 26 घंटे तक का समय लग जाता था। वहीं 4G नेटवर्क का विकास होने पर वही 2 घंटे की मूवी सिर्फ 6 मिनट में डाउनलोड होने लगी। 5G स्पीड इस तरह के कार्यो को चुटकियों में कर देगी। वही 2 घंटे की फिल्म 5जी की स्पीड पर महज़ 3.6 सेकेंड में डाउनलोड हो जाएगी। देखा जाए तो 4जी की स्पीड पर जितनी देर में एक फिल्म डाउनलोड होती थी, उतनी देर में 5जी स्पीड पर 100 के करीब मूवी डाउनलोड हो जाएगी। यह भी पढ़ें: 5G आने से पहले जानें 4जी और 5जी में खास अंतर, सिर्फ 10 प्वाइंट में
कैसे करेगा काम
5G किसी एक नहीं बल्कि कई नई तकनीक को एक साथ मिलाकर काम करेगा। मौजूदा 4G में जहां सिग्नल्स को रेडिएट करने के लिए बड़े हाई-पावर सेल टाॅवर्स की जरूरत होती है वहीं 5G बहुत सारे छोटे सेल स्टेशन्स को यूज़ करते हुए वायरलेस सिग्नल्स को ट्रांसमिट करेगा। ये मल्टीपल मिलिमीटर वेव्स (mm) 30GHz से 300GHz के बीच काम करेगी। बता दें कि पहले जहां लोवर फ्रीक्वेंसी बैंड्स का इस्तेमाल होता था जिसमें डिस्टेंस और इंटरफेस ज्यादा होता था। वहीं अब लोवर फ्रिक्वेंसी स्पेक्ट्रम का यूज़ होगा जो शार्ट डिस्टेंस से ही ट्रैवल कर पाएगा।
Latency Bandwidth
सबसे पहले तो आपको लैटेंसी का मतलब बता दें कि जब आप किसी दोस्त को कोई मैसेज भेजते हैं तो आपके फोन से मैसेज सेंड होने से लेकर उसके फोन में मैसेज रिसीव होने तक के बीच के समय को लैटेंसी से मापा जाता है। यह समय बेहद ही कम यानि मिलीसेकेंड का होता है। यूं तो 4G में भी लैटेंसी महसूस नहीं होती। लेकिन जरा सोचिए 5G में यह कितनी तेज हो जाएगी। वहीं बैंडविथ उस स्पेस को कहते हैं जो उपभोक्ता के डाटा यूज़ से लेकर, कंटेट डाउनलोड, इंटरनेट ब्राउजिंग और मल्टीमीडिया प्लेइंग इत्यादि के लिए उपलब्ध कराया जाता है। यह बैंडविद्थ जितनी कम होगी काम उतना ही धीमा हो जाएगा। 5जी में इस बात का खास ध्यान रखा गया है और इस नेटवर्क के लिए अधिक बैंडविथ उपलब्ध कराई गई है।