स्मार्टफोन में लोकेशन सर्विस या जीपीएस (global positioning system) बेहद उपयोगी फीचर है। इससे न सिर्फ डिवाइस की सटीक लोकेशन का पता लगा सकते हैं, बल्कि यह फीचर नेविगेशन में भी काफी मदद करता है। आपको बता दें कि जीपीएस रिसीवर से लैस कोई भी डिवाइस सटीक जियोलोकेशन की जानकारी प्रदान करता है। GPS का सबसे अच्छा उदाहरण गूगल मैप्स, ऐपल मैप्स हैं, जहां आप मैप पर देख सकते हैं कि रियल टाइम में कहां हैं। आइए जानते हैं एंड्रॉयड और आईफोन में जीपीएस यानी लोकेशन सर्विस को ऑन करने का तरीका।
एंड्रॉयड डिवाइस पर ‘लोकेशन’ को ऑन करने का तरीका
आप एंड्रॉयड डिवाइस पर लोकेशन को दो तरीके से ऑन कर सकते हैंः

1. क्विक टॉगल से ‘ऑन’ करें लोकेशन
- आप एंड्रॉयड डिवाइस पर लोकेशन सर्विस को यूज करने के लिए नोटिफिकेशन ट्रे की मदद ले सकते हैं। क्विक टॉगल(quick toggle) के लिए नोटिफिशन ट्रे को नीचे की तरफ स्वाइप करना होगा। यह फीचर एंड्रॉयड 6 से शुरू होने वाले सभी एंड्रॉयड डिवाइस में मौजूद है।
- अब आपको क्विक टॉगल में ‘लोकेशन’ (Location) का ऑप्शन दिखाई देगा, जो आपका GPS बटन है। जीपीएस या लोकेशन सर्विस का उपयोग करने के लिए यहां से ‘लोकेशन’ पर टैप कर उसे ऑन कर दें।
- अगर आप लोकेशन को डिसेबल या ऑफ पर देते हैं, तो फिर अपनी ‘लोकेशन’ को ट्रैक होने से रोक पाएंगे।
2. सेटिंग से लोकेशन को करें ‘ऑन’

- लोकेशन या जीपीएस सर्विस को ऑन करने के लिए Android डिवाइस में सेटिंग ऐप को ओपन करें।
- सेटिंग ऐप में जाने के बाद नीचे की तरफ स्क्रॉल कर ‘लोकेशन’ सेक्शन को खोजना होगा।
location service - एक बार जब आप लोकेशन सेक्शन को खोज लेते हैं, तो इस पर टैप करने के बाद लोकेशन सर्विस को ऑन या फिर ऑफ (Settings > Location) कर सकते हैं।
iPhone पर लोकेशन सर्विस को कैसे करें ‘ऑन’
आईफोन को लोकेशन या जीपीएस सर्विस का उपयोग करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करना होगाः

चरण 1: सबसे पहले आप आईफोन की सेटिंग में जाएं।
चरण 2: सेटिंग में जाने के बाद प्राइवेसी ऐंड सिक्योरिटी सर्विस में जाएं।

चरण 3: यहां पर आपको लोकेशन सर्विस का टॉगल दिखाई देगा, जिसे ऑन करना होगा। (Settings > Privacy & Security > Location Services> On/Off)
इसके बाद आईफोन पर लोकेशन सर्विस ऑन हो जाएगा। इसके बाद जिन ऐप्स को आपने लोकेशन की एक्सेस दी है, वे तुरंत लोकेशन को एक्सेस करना शुरू कर सकते हैं।
जीपीएस क्या है?
जीपीएस (GPS) का मतलब ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ है। यह एक ऐसी प्रणाली है जो जीपीएस रिसीवर की स्थिति को जानने के लिए उपग्रह और रेडियो तकनीक का उपयोग करती है। इस तकनीक का विकास 1960 के दशक में अमेरिका द्वारा किया गया था। उस समय इसे सैटेलाइट नेविगेशन के जुड़े एक्सपेरिमेंट के लिए डेवलप किया गया था। इसके बाद 1978 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने उपग्रहों का एक नेटवर्क लॉन्च किया। जब अमेरिकी रक्षा विभाग का Selective Availability प्रोग्राम वर्ष 2000 में समाप्त हो गया, तो यह सर्विस व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध हो गया।
लोकेशन सर्विस कैसे उपयोगी है?
लोकेशन सर्विस आपको फोन के स्थान को निर्धारित करती है। गूगल मैप्स, फाइंड माई फोन आदि जैसे ऐप आपके फोन के लोकेशन का उपयोग करके यह बताता है कि आपको कहां ड्राइव करना है, आपका खोया या चोरी हुआ फोन कहां है, आपको आस-पास रेस्तरां आदि कहां हैं? बता दें कि लोकेशन सेवाओं की रीढ़ जीपीएस होती है।
क्या करें जब ऐप्स लोकेशन एक्सेस की अनुमति मांगें?
लोकेशन सेवाओं का उपयोग करने वाले ऐप्स आपके द्वारा पहली बार लॉन्च किए जाने पर लोकेशन की अनुमति मांग सकते हैं। यह चुनाव करते समय ध्यान रखें कि उस ऐप को आपके लोकेशन की क्या जरूरत है। हालांकि लोकेशन से संबंधित परमिशन देते समय आपको यह सुविधा मिलती है कि आप ऐप को हर समय अपने लोकेशन की एक्सेस देना चाहते हैं या फिर जब आप उस ऐप का उपयोग कर रहे हैं। आप चाहें, तो प्राइवेसी कारणों से ऐप लोकेशन परमिशन को डिसेबल भी कर सकते हैं।