जासूसी और डाटा सिक्योरिटी के लिए देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन की जांच करेगी सरकार

केंद्र सरकार स्मार्टफ़ोन और ऐप्स के ज़रिए भारतीय नागरिकों की जासूसी न हो इसके लिए नया नियम लाने पर विचार कर रही है। सरकार इस नियम के ज़रिए यह जांच करना चाह रही है कि चीनी स्मार्टफ़ोन और उनमें इंस्टॉल आने वाली ऐप्स भारतीय नागरिकों की जासूसी तो नहीं कर रही हैं। द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट की माने तो नए नियम के मुताबिक़, स्मार्टफोन्स के सभी पार्ट्स की जांच और डेप्थ टेस्टिंग को ज़रूरी कर सकती है।
सभी कंपनियों के स्मार्टफोन्स की होगी जांच
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट की माने तो इस नए नियम के तहत सभी कंपनियों के स्मार्टफोन्स की जांच की जाएगी। हालांकि इस जांच के दौरान चाइनीज़ कंपनियों के स्मार्टफ़ोन पर फ़ोकस रहेगा। इसके साथ ही भारत के साथ बॉर्डर शेयर करने वाले देशों की कंपनियों के लिए भी ख़ास नियम बनाए जा सकते हैं।
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की जांच
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि केंद्र सरकार ने स्मार्टफ़ोन कंपनियों से फ़ोन की टेस्टिंग सोर्स कोड शेयर करने को कह सकती है। इसके साथ ही सरकार स्मार्टफ़ोन कंपनियों से पार्ट्स मुहैया करने वाली कंपनियों की जानकारी देने के लिए भी कह सकती है। स्मार्टफ़ोन में लगे पार्ट्स के साथ-साथ सॉफ़्टवेयर और प्री इंस्टॉल ऐप्स की जांच करने पर भी विचार कर रही है। यह भी पढ़ें : Apple MacBook Pro लैपटॉप M1 Pro और M1 Max चिपसेट, 120Hz नॉच डिस्प्ले के साथ लॉन्च, जानें क़ीमत और स्पेसिफिकेशन्स
चाइनीज कंपनियों की बढ सकती है मुश्किल
केंद्र सरकार पिछले कई दिनों से टेलीकॉम इंडस्ट्री और नेटवर्किंग से जुड़ी भरोसेमंद कंपनियों की लिस्ट तैयार कर रही है। इन कंपनियों की मदद से सरकार साइबर जासूसी की जांच करेगी। सरकार ने यह कदम चीनी की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां हुवावे और ZTE पर लगे जासूसी जैसे गंभीर आरोपों के बाद लिया है। सरकार जांच के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहती है कि स्मार्टफोन के जरिए भारतीय नागरिकों की जासूसी न हो। यह भी पढ़ें : iQOO Z5x स्मार्टफोन 120Hz डिस्प्ले, एडवांस कूलिंग सिस्टम के साथ होगा लॉन्च