
भारतीय स्मार्टफोन बाजार में आज चीनी कंपनियों का बोलबाला है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि चीनी सामान के बहिष्कार जैसे आंदोलनों के बावजूद शाओमी, ओपो व वीवो जैसी चीनी कंपनियों सहित अन्य विदेशी कंपनियां भारतीय स्मार्टफोन्स मार्केट के एक बड़े हिस्से पर राज कर रही है। पिछले दिनों चीनी कंपनी द्वारा मोबाईल यूजर्स की निजी जानकारी लीक किए जाने के मुद्दे पर गंभीर होते हुए अब भारत सरकार ने भी कड़ा रूख अपना लिया है। मंत्रालय की ओर से कुल 21 देसी-विदेशी कंपनियों को नोटिस भेजा है।
टाइम्स आॅफ इंडिया द्वारा प्रकाशित खबर के मुताबिक भारत सरकार के संबंधित विभाग की ओर से दुनियाभर की 21 स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को यूजर्स की निजता संबंधी डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा यूजर्स की जानकारी को लीक न किए जाने से जुड़ी सभी जानकारी पुख्ता तथ्यों के साथ मंत्रालय में 28 अगस्त तक शामिल कराने के लिए कहा है।
मंत्रालय के अनुसार मोबाईल कंपनियों को भेजा गया यह नोटिस यह सुनिश्चित करने के लिए है। सरकार इस बात पर आश्वस्त होना चाहती है कि मोबाईल कंपनियों के पास मोबाईल यूजर का जमा निजी डाटा पूर्ण रूप से सुरक्षित है या नहीं। फिर बेशक वह कोई विदेशी कंपनी हो या फिर कोई घरेलू कंपनी।
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खबर के मुताबिक भारत सरकार मोबाईल कंपनियों के पास भारतीय यूजर्स की जमा निजी जानकारी के लीक होने की खबरों से चिंतित है और इस सूची में चीनी कंपनियों पर खास नज़र रखी जा रही है। सरकार की इस लिस्ट में शाओमी, वीवो, ओपो और जियोनी जैसी कंपनियों के साथ ही सैमसंग, एप्पल तथा माइक्रोमैक्स, कार्बन व लावा समेत कुल 21 मोबाइल निर्माता कंपनिया शामिल है।
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वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को भारत और चीन के बीच डोलकाम की वजह से बने कड़वे संबंधों से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि सरकार को डर है कहीं चीनी कंपनी भारतीय मोबाईल उपभोक्ताओं के डाटा को लीक करने के साथ ही उनकी निजी जानकारी का कहीं गलत कार्यो में प्रयोग न कर लें। बहरहाल सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस में चीनी कंपनियों के नाम अव्वल है।



















