Lockdown में भारतीयों ने ज्यादा खरीदा चाइनीज फोन,इस कंपनी ने रचा इतिहास

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कोरोना वायरस पूरे विश्व के साथ ही इंडिया में अपने पैर तेजी से पसार रहा है। भारत कोरोना संक्रमित राष्ट्रों की सूची में तीसरे नंबर पर आ गया है और कोरोना संक्रमण के मामले 11 लाख से ज्यादा आ चुके हैं। कोरोना काल के दौरान सभी व्यवसाय को काफी नुकसान झेलना पड़ा है, जिससे स्मार्टफोन इंडस्ट्री भी अछूती नहीं रही है। वहीं, कोरोना से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से स्मार्टफोन की बिक्री पहले के मुकाबले काफी कम हुई। रिसर्च फर्म कैनालिस की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार स्मार्टफोन शिपमेंट में 48 फीसदी की कमी देखी गई है। लेकिन, इस बीच भी शाओमी ने सबसे ज्यदा फोन की बिक्री इंडियन मार्केट में की है।

रिसर्च फर्म Canalys के अनुसार, प्रोडक्शन कम होना और इंपोर्ट में देरी के कारण 2020 की दूसरी तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन शिपमेंट में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है। Q2 2019 में 33 मिलियन की तुलना में इस वर्ष Q2 में भारत में कुल 17.3 मिलियन ((1.73 करोड़ ) स्मार्टफोन भेजे गए थे। कैनालिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह गिरावट कोरोनोवायरस महामारी के कारण कम मांग के कारण रही है। इसे भी पढ़ें: जानें कैसा होगा Jio Google का सस्ता 5G फोन? पूरी तरह होगा मेड इन इंडिया!
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शाओमी ने बेचे सबसे ज्यादा फोन

Xiaomi (सब-ब्रांड पोको सहित) ने सबसे अधिक फोन 5.3 मिलियन में बेचे, जो कुल बाजार में 30.9 प्रतिशत का हिस्सा था। वहीं, Vivo ने 3.7 मिलियन यूनिट सेल किए। दिलचस्प बात यह है कि वीवो की बाजार हिस्सेदारी इस साल Q2 2019 में 17.5 प्रतिशत से बढ़कर 21.3 प्रतिशत हो गई। Samsung ने 2.9 मिलियन स्मार्टफोन बेचे, 16.8 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

ओप्पो ने 12.9 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ 2.2 मिलियन यूनिट स्मार्टफोन की सेल की, जबकि Realme को ने 1.7 स्मार्टफोन बेचे और 10 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा किया। अन्य स्मार्टफोन निर्माताओं ने 1.4 मिलियन यूनिट सेल की जो कि शेष 8.1 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। इसे भी पढ़ें: चाइनीज फोन इंडिया में कब आए और कैसे छाए? जानें पूरी कहानी

उपभोक्ताओं ने नहीं खरीदे फोन

रिसर्च कंपनी का कहना है कि कोरोना का काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था पर तो असर पड़ा ही लेकिन इससे स्मार्टफोन को लेकर लोगों के व्यवहार में काफी बदलाव देखा गया। उपभोक्ताओं ने स्मार्टफोन खरीदना का फैसला टाला, जिससे इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा।

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चीन से मंगवाए थे फोन

बता दें कि पहली तिमाही में उत्पादन कम होने के कारण कई स्मार्टफोन कंपनियों ने बाहर से फोन मंगवाए थे, जिससे ग्राहकों के बीच मांग बनी रहे। कुछ महीने पहले मीडिया रिपोर्ट में सामने आया था, जिसमें एक सीनियर इंडस्ट्री एग्जक्यूटिव ने बताया था कि पिछले तीन साल से चीनी कंपनियां भारत में ही प्रोडक्शन कर रही हैं लेकिन मौजूदा डिमांड पूरी करने के लिए ओप्पो और शाओमी को चीन से इंपोर्ट करना होगा। इसके अलावा कैनालिस की विशेषज्ञ मधुमिता चौधरी का कहना है कि इंडिया में अभी भी स्मार्टफोन मार्केट के लिए रास्ता काफी मुश्किल है। लेकिन, अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद ऑनलाइन प्लेटफऑर्म ने ग्रीन और ऑरेंज जोन में स्मार्टफोन की डिलीवरी शुरू कर दी है।

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