जानें कैसे हो रहा है जियो सिम का गोरखधंधा, ब्लैक मार्केटिंग के पीछे का सच

भारत में रिलायंस जियो 4जी सेवा लॉन्च होने के साथ ही स्टोर पर सिम के लिए लंबी कतार देखी जा सकती है। क्योंकि कंपनी ने 31 दिसंबर 2016 तक सभी सेवाएं मुफ्त दे रही हैं। फ्री में कॉल, मुफ्त 4जी डाटा, फ्री रोमिंग और मुफ्त एसएमएस। हमने भी सिम लेने की सोची और मैं कुछ दिन बाद स्टोर पर गया। परंतु लॉन्च के बीस दिनों बाद भी सिम के लिए लंबी लाइन लगी थी। हालांकि लाइन पहले से काफी छोटी हो गई थी लेकिन अब भी उपभोक्ता उत्साहित थे।
सिम के लिए मैं कतार में था ही कि एक अंदर काफी हलचल सुनने को मिली। एक व्यक्ति सिम के लिए जिस बार कोड को लेकर आया था वह काम नहीं कर रहा था। स्टोर पर जो अधिकारी थे वे कह रहे थे कि आपका बार कोड यूज कर लिया गया है जबकि उस उपभोक्ता का कहना था कि मैंने अभी इसे निकाला है यूज कैसे हो सकता है। परंतु नियमानुसार उसे सिम नहीं दिया गया।
थोड़ी देर बाद मेरी भी बारी आई और मैने भी सिम लेने के लिए अपने फोन का बार कोड दिखाया जिसे 10 मिनट पहले ही निकाला था और मेरे साथ भी वही हुआ। जियो के एक्जिक्यूटिव द्वारा यह जानकारी दी गई कि बार कोड पहले ही उपयोग किया जा चुका है और इस पर सिम नहीं दिया जा सकता। मैं जान रहा था कि बहस करने से कोई फायदा नहीं है। शुक्र है कि मैं दो अलग—अलग 4जी फोन ले गया था और मैनें दोनों में बार कोड निकाले थे। तुरंत मैंने दुसरा कोड दिखाया और वह सही था। सिम मुझे मिल गया। परंतु मैं ने इस बात को जांचने की ठान ली कि आखिर यह कैसे हो सकता है।
क्योंकि स्टोर पर इस तरह की शिकायत बहुत ज्यादा हो रही है। चुंकि रिलायंस डिजिटल स्टोर हर जगह है नहीं और उपभोक्ता दूर—दूर से सिम लेने आ रहे हैं और यूजड कोड की वजह से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। सिम नहीं मिलने की वजह से झल्लाहट में स्टोर मैनेजर से जब कभी थोड़ी बहस भी देखी जा रही है।खास बात यह कही जा रही है कि दो मिनट या 5 मिनट पहले निकाला गया बारकोड भी यूज्ड बता रहा है।
आपका जियो सिम नहीं कर रहा है काम तो जानें ऐसे करें उसे ठीक
सिम और कूपन की ब्लैक मार्केटिंग
रिलायंस जियो द्वारा जियो 4जी सिम सिर्फ अधिकारिक स्टोर से ही बेचे जाने की बात कही गई है लेकिन इस सिम को गली-मोहल्लों में से भी लिया जा सकता है। स्टोर पर लाइन में लगकर आप फ्री में ले सकते हैं लेकिन कई जगहों पर 200 से 1000 रुपये में सिम बिक रहा है। एनबीटी द्वारा दी गई खबर के अनुसार कई जगहों पर कूपन बेचे जा रहे हैं। जगह के हिसाब से रेट अलग हैं। देवली और संगम विहार जैसे इलाकों में 100 से 200 रुपये में कूपन कोड दिए जा रहे हैं। द्वारका जैसे एरिया में कूपन कोड देने के लिए 200 से 300 रुपये वसूले जा रहे हैं। फ्री इंटरनेट और कॉलिंग के चक्कर में लोग आसानी से इतने पैसे दे रहे हैं।
कैसे दिया जा रहा इस गोरखधंधे को अंजाम
परंतु सवाल यही है कि यह कूपन हैक कैसे हो रहा है और सिम कैसे एक्टिव हो रहे हैं। क्योंकि सिम बार कोड स्कैन कर एक्टिव किया जा रहा है। जबकि बार कोड को साधारणत: पढ़ा नहीं जा सकता। इस बारे में यूएस में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत भरतीय मूल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रवण कुमार कहते हैं, ”बारकोड सिक्योरिटी नहीं है यह जरिया है डाटा को मशीन से रिडेबल बनाने का। स्कैनर में लगा कैमरा बार कोड को स्कैन कर लेता है। आप भी मैसेज को बार काड में कनवर्ट कर सकते हैं। कई वेबसाइट ऐसी सुविधा दे रहे हैं।”
उन्होंने आगे बताया ”जियो के केस में आप कोड के नीचे नंबर देख सकते हैं। जियो इसी नंबर को प्रोसेस करता है और कोई भी अल्गोरिथम को अपना कर नंबर हैक कर सकता है। इसमें आपको सिर्फ अंतीम के दो चार नंबर ही बदलने हैं। या यूं कहें कि जियो का सॉफ्टवेर बेहद ही कमजोर है और कोई भी व्यक्ति थोड़ी युक्ति लगाकर इसका दुरुपयोग कर सकता है जैसा कि कूपन कोड में देखा जा रहा है। रिलांयस इस नंबर को सिक्वेंस अर्थात अनुक्रम में बना रहा है। ऐसे में बच्चा भी हैक कर सकता है। नंबर बदलकर दूसरा कूपन तैयार कर लिया जा रहा है। पहले ही सॉफ्टवेयर अल्गोरिथम मजबूत न होने की वजह से सॉफ्टवेर कंपनियों को इस तरह का नुकसान उठाना पड़ा है और जियो के मामले में भी ऐसा ही है।”
क्या कह रहे हैं स्टोर मैनेजर
इस बारे में रिलायंस डिजिटल एक्सप्रेस के स्टोर मैनेजर वरूण ने बताया कि इस तरह की शिकायत आब आम हो गई है। कुछ सेकेंड पहले निकाला गया बारकोड भी यूज्ड बता रहा है। हम उपभोक्ता की परेशानी समझ रहे हैं लेकिन कुछ कर नहीं सकते। जब तक बारकोड अप्रूव नहीं होगा सिम नहीं दिया जा सकता। यह कैसे हो रहा है क्यों हो रहा है, इस बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता।
दूसरे स्टोर पर भी ऐसा ही हाल था और वहां दिपक हुड्डा नाम के एक्जिक्यूटिव ने बताया पहले सिम नहीं था तो उपभोक्ता परेशान थे लेकिन अब सिम है तो बार कोड फेल होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतबल है कि दोनों एक्जिक्यूटिव के स्टोर का और जगह का नाम हमने इसलिए नहीं बताया क्योंकि बयान देने के लिए वे अधिकारिक नहीं है ऐसे में उन्हें कंपनी द्वारा निष्काशित किया जा सकता है या किसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
कंपनी है चुप
जियो सिम को लेकर उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी और हैक हो रहे कूपन के बारे में हमने कंपनी से जवाब मांगा लेकिन जियो की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आम सवाल
अब सवाल यह उठता है कि आॅनलाइन डाटा सिक्योरिटी आज सबसे अहम बहस है। कंपनी आधार कार्ड के जरिए सिम एक्टिव कर रही है। ऐसे में क्या भरोसा है कि जियो के पास उपभोक्ताओं का डाटा सुरक्षित ही होगा। क्योंकि कूपन कोड का हाल आप देख रहे हैं। जियो सिम लेने या उपयोग करने से पहले उपभोक्ता को एक बार यह इस बात को जरूर सोचना चाहिए।
जियो 4जी सिम प्राप्त करने का नियम
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सिम लेने के लिए सबसे पहले अपने 4जी फोन में माई जियो ऐप्लिकेशन डाउनलोड कर गेट सिम कर एक कोड जेनरेट करना होता है।
गेट सिम करने के बाद फोन पर कुछ जानकारियां मांगी जाती हैं और एक मोबाइल नंबर मांगा जाता है। इस नंबर पर आपको एक ओटीपी प्राप्त होता है। ओटीपी डालते ही कोड जेनरेट हो जाता है। एक फोन से एक बार ही कोड जेनरेट किया जा सकता है। इसी कोड को दिखाकर आप सिम प्राप्त कर सकते हैं।