ऑनलाइन गेमिंग अब केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दायरे में आया, जल्द बनेंगे नियम-कानून

भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग लंबे समय से केंद्रीय स्तर के रेगुलेशन एजेंसी की मांग कर रहा था। MeitY ने ऑनलाइन गेमिंग के लिए नोडल एजेंसी और नियम बनाने पर काम शुरू कर दिया है।

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Highlights

  • MeitY ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने के लिए बनाएगा नोडल एजेंसी
  • ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने लिए बनाए जाएंगे नए नियम क़ानून
  • तेज़ी से बढ़ रहा ऑनलाइन गेमिंग, 2024 तक 153 बिलियन रुपये का होगा राजस्व

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) जल्द ही ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म के लिए नए नियम बनाने जा रहा है। ऑनलाइन गेमिंग रेगुलेशन को लेकर मंत्रालय लोगों से सुझाव भी आमंत्रित करेगा। यह जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से जारी राजपत्र के मुताबिक़, ऑनलाइन गेमिंग अब केंद्रीय इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दायरे में आएगा।

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट कर बताया कि सरकार “प्रौद्योगिकी नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है – लेकिन सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई अवैध कंटेंट या सर्विस न चले।


इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, राजीव चंद्रशेखर ने संसद को बताया था कि सरकार ऑनलाइन गेमिंग के संभावित जोखिम और चुनौतियों से अवगत है, जिसमें “हिंसा को बढ़ावा देने वाले वीडियो गेम, इसकी लत और वित्तीय नुकसान” जैसे जोखिम शामिल हैं।

MeitY के दायरे में आया ऑनलाइन गेमिंग

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग लंबे समय से इस उद्योग को विनियमित करने के लिए केंद्रीय स्तर के कानून की मांग कर रहा है। इस साल मई में, MeitY ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए नियमों का प्रस्ताव तैयार के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स का गठन किया था।

इस टास्क फ़ोर्स ने अक्टूबर मे केंद्रीय नोडल एजेंसी के निर्माण की सिफारिश की थी। इसके साथ ही इसने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग में कौन-कौन से गेम शामिल होंगे और ऑनलाइन गेमिंग को मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम, 2002 की रोकथाम के दायरे में लाया जाएगा।

नोडल एजेंसी से मिलेगा बढ़ावा

ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने केंद्रीय मंत्रालय के नोडल एजेंसी के प्रस्ताव का स्वागत किया है। फेडरेशन ऑ इंडिया फेंटेसी स्पोर्ट्स के डायरेक्टर जनरल जॉन भट्टाचार्य का कहना है कि केंद्रीय नियामक प्राधिकरण के रूप में MeitY की नियुक्ति निवेशकों, उद्योग और उपभोक्ताओं को स्पष्टता और निश्चितता प्रदान करेगी।

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उन्होंने आगे यह भी कहा, ‘यह निर्णय एनीमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही यह भारत को ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की सरकार की पहल के अनुरूप है। हमें यकीन है कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग MeitY के तहत एक संतुलित नोडल एजेंसी बनने के बाद यह उद्योग जिम्मेदारी से आगे बढ़ेगा।’

तेज़ी से बढ़ रहा है ऑनलाइन गेमिंग उद्योग

वीसी फर्म Sequoia और मैनेजमेंट काउंसल्टिंग कंपनी BCG की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय मोबाइल गेमिंग उद्योग का राजस्व 2022 में 1.5 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है और 2025 में 5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

इस उद्योग में 2017-2020 के बीच 38 प्रतिशत सीएजीआर की बढ़ोत्तरी देखी गई है। 2024 तक इसका राजस्व में 153 बिलियन रुपये तक पहुंचने के लिए 15 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है।

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