
बीते समय में इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। कुछ समय पहले तक जहां मार्केट की गलाकाट प्रतिस्पर्धा के चलते सभी निजी कंपनियां एक-दूसरे की तुलना में अधिक सस्ते प्लान्स बेचने की जुगत में लगी थी। वहीं पिछले साल के अंत में बाजार की फिदरत को ठेंगा दिखाते हुए इंडिया की तीनों ही प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea (VI) ने अपने Mobile Recharge Plans को महंगा कर दिया। यकिनन यह मोबाइल यूजर्स के उपर एक्स्ट्रा बोझ ही है, जिसे ना चाहते भी आम आदमी को ढोना ही पड़ेगा। लेकिन क्या आपने सोचा है कम से कम कीमत पर प्लान बेचने वाली इन कंपनियों ने यकायक अपने दाम महंगे क्यों कर लिए? कहीं ये कंपनियां यूजर्स पर महंगाई डालकर खुद 5G में पैसा लगाने के लिए अपने खजाने तो नहीं भर रही है?
5G spectrum खरीदने के लिए जोड़ रही पैसा
भारत में 5G Trials तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अगर सबकुछ सही रहा तो साल की दूसरी छमाही में 5जी स्पेक्ट्रम की निलामी शुरू हो जाएगी और जल्द ही देश में 5G Network शुरू हो जाएगा। बड़ी टेक कंपनियों के साथ ही देश की दूरसंचार कंपनियां भी स्पेक्ट्रम निलामी के लिए कमर कसे हुई है। आपको बता दें कि इस बार भारत में 5जी स्पेक्ट्रम की न्यूनतम कीमत भी पहले की तुलना में कई गुणा अधिक होने वाली है और इन्हें खरीदने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को ढेर सारा पैसा चुकाना पड़ेगा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हीं स्पेक्ट्रम को खरीदने के लिए Jio, Airtel और Vi ने टैरिफ प्लान्स के रेट बढ़ाए हैं।
दूसरे देशों से महंगे होंगे इंडिया में 5जी स्पेक्ट्रम के दाम
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने 3.5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड वाले 5G spectrum की न्यूनतम कीमत 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज़ रखने की सिफारिश की है। COAI यानी सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने प्राइस को बहुत ज्यादा और गैर व्यावहारिक माना है। सीओएआई ने कहना है कि TRAI द्वारा बताए गए ये दाम अन्य देशों से काफी ज्यादा है। ब्रिटेन में 3.6-3.8 गीगाहर्ट्ज 5जी स्पेक्ट्रम की न्यूनतम कीमत 40.03 करोड़ रुपए रखी गई थी। इसी तरह हांगकांग में 3.5 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम 3.87 करोड़ रुपए और पुर्तगाल में 3.6 गीगाहर्ट्ज 5जी स्पेक्ट्रम सिर्फ 1.07 करोड़ रुपए प्रति मेगाहर्ट्ज़ में नीलाम हुआ है। ये कीमत इंडिया की तुलना बेहद कम है।
टेलीकॉम कंपनियों की इनकम है काफी कम
एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया में टेलीकॉम कंपनियों की आय का तकरीबन 32 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ स्पेक्ट्रम पर खर्च होता है। स्पेक्ट्रम खरीदने से लेकर उनका रख रखाव इत्यादि इन दूरसंचार कंपनियों के लिए काफी खर्चीला पड़ता है। वहीं अब 5G spectrum की ज्यादा कीमत इस कंपनियों के काफी महंगी साबित होने वाली है। हो सकता है कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीक्म्यूनिकेशन्स यानी DOT द्वारा स्पेक्ट्रम नीलामी का प्राइस कुछ कम निर्धारित किया जाए, लेकिन फिर भी यह कीमत काफी ज्यादा रहने वाली है जो Jio, Airtel और Vi की कमाई का बड़ा हिस्सा चूस लेगी। इस स्थिति में इन कंपनियों के लिए पैसा जोड़ना बेहद जरूरी है और हो सकता है कि इसके लिए ये अपने मोबाइल प्लान्स को फिर से महंगा कर दे।




















