
पिछले कुछ दिनों से इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में रिंग ड्यूरेशन को लेकर विवाद चला रहा है। इस विवाद की शुरूआत Reliance Jio द्वारा रिंग ड्यूरेशन को 25 सेकेंड कर दिए जाने के बाद हुई है। मामले ने तब तूल पकड़ा जब Airtel, Vodafone और Idea ने Jio का विरोध किया और रिंग ड्यूरेशन को बढ़ाने के लिए ट्राई के समक्ष गुहार लगाई। Reliance Jio जहां 25 सेकेंड को जायज ठहरा रहा था, वहीं अन्य कंपनियां इसे Jio की मनमानी बता रही थी। वहीं अब अक्टूबर शुरू होते ही इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। अभी तक जहां Airtel, Vodafone और Idea मिलकर Jio की रिंग ड्यूरेशन बढ़ाने की मांग कर रही थी, वहीं अब इन कंपनियों ने खुद ही अपनी रिंग ड्यूरेशन को घटाकर 25 सेकेंड कर लिया है।
भारतीय दूरसचांर कंपनियों की प्रतिस्पर्धा में यह नया मोड़ गत 2 अक्टूबर को आया जब Airtel, Vodafone और Idea ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने नंबरों पर आने वाली इनकमिंग कॉल का समय घटा कर 25 सेकेंड कर दिया। Reliance Jio द्वारा उठाए गए कदम से निपटने के लिए ही इन दोनों कंपनियों ने यह बड़ा बदलाव किया है। अब देश की तीनों बड़ी निजी कंपनी एक ही कतार में आ खड़ी हुई है जिसके बाद Reliance Jio, Bharti Airtel या Vodafone Idea किसी भी कंपनी के यूजर को कॉल रिसीव करने के लिए सिर्फ 25 सेकेंड का ही समय मिलेगा। और इतने में कॉल रिसीव नहीं की तो 25 सेकेंड बाद फोन खुद से कट जाएगा और वह मिल कॉल बन जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि Bharti Airtel और Vodafone Idea ने भी अपनी कॉल ड्यूरेशन को घटाते हुए 25 सेकेंड कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक Airtel ने TRAI को पत्र लिखकर बताया है कि Jio द्वारा की गई शुरूआत के बाद ही एयरटेल ने यह कदम उठाया है। Airtel ने कहा है कि संबंधित विभाग को लगातार सूचित किए जाने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो एयरटेल को यह फैसला लेना पड़ा। इस पत्र में Airtel ने यह भी कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों के इस फैसले से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
ट्राई को लिखा पत्र
Airtel ने ट्राई को पत्र लिखते हुए कहा है कि Jio की मनमानी के बाद अन्य कंपनियों को मजबूरन अपने नेटवर्क की कॉल ड्यूरेशन को कम करना पड़ा है। कंपनी ने चेतावनी दी है कि कॉल ड्यूरेशन 25 सेकेंड कर देने से इंटरकनेक्ट यूसेज़ चार्जेस का भी नुकसान होगा। Jio पर आरोप लगाते हुए Airtel ने बोला है कि जियो द्वारा यह कॉल ड्यूरेशन घटाए जाने के बाद से अन्य कंपनियों को बड़ा नुकसान हो रहा था। वहीं साथ ही ट्राई को भी आड़ें हाथों लेते हुए Airtel ने कहा है कि इंडस्ट्री द्वारा सूचित किए जाने के बाद भी जब रेगुलेटरी अथारिटी द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया तो अपनी कॉल ड्यूरेशन घटाने के अलावा Airtel और Vodafone Idea के पास अन्य कोई चारा नहीं रह गया था।
चंद सेकेंड क्यूं इतने जरूरी
आपको बता दें कि यह कुछ सेकेंड्स का खेल टेलीकॉम कंपनियों के लाखों के फायदे से जुड़ा है। Airtel ने इसी संदर्भ में ट्राई को पत्र लिखा है कि छोटी रिंग अलर्ट से मिस्ड कॉल की गिनती बढ़ती है। Jio की रिंग ड्यूरेशन कम होगी तो जियो नंबर पर की गई कॉल जल्दी कट जाएगी। ऐसे में Jio नंबर से अन्य नेटवर्क पर आउटगोइंग कॉल की जाएगी तो Jio नेटवर्क पर इनकमिंग कॉल का इंटरकनेक्शन यूजेज चार्ज पेआउट अपने आप कम हो जाएगा। इस स्थिति में जिस नेटवर्क पर कॉल की जाएगी उस कंपनी पर इंटरकनेक्शन यूजेज चार्ज पेआउट का भार पड़ेगा। यानि Jio का शुल्क कम हो जाएगा और दूसरी कंपनियों को ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेगें।
बता दें कि आने वाली 14 अक्टूबर को कॉल ड्यूरेशन के इस मुद्दे पर TRAI और टेलीकॉम कंपनियों की बेहद अहम बैठक हो सकती है।




















