
विश्व के सबसे बड़े मोबाईल उपभोक्ता बाज़ार में से एक भारत में आज 250 मिलियन से ज़्यादा स्मार्टफोन यूजर्स हैं जो नए साल की शुरूवात तक 280 मिलियन का आकंड़ा पार कर जाऐंगे। देश में स्मार्टफोन यूजर्स की तेजी से बढ़ती गिनती जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़ भारत को दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट बना देगी। इन रोचक आकंड़ों के साथ ही काउंटरप्वाइंट रिसर्च ने एक हैरान करने वाली ख़बर यह भी दी है कि अगले साल तक कुछ नई मोबाईल निर्माता कंपनियां भारत में अपने प्रोडक्टस बंद कर सकती है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च की एक ताजा रिसर्च में यह कहा गया है कि वर्ष 2017 में एक ओर जहां कई नई कंपनियां भारत में अपना हाथ आजमाने यहां के बाज़ार में कदम रखेंगी वहीं उससे ज़्यादा कंपनियां जो फिलहाल भारतीयों के लिए स्मार्टफोन्स का निर्माण और आयात निर्यात कर रही हैं, देश की मोबाईल मार्केट को अलविदा कह देगी।
रिसर्च पर गौर करें तो भारतीय बाज़ार को छोड़ कर जाने की कोई एक वजह नहीं हैं। 250 मिलियन से ज़्यादा स्मार्टफोन यूजर्स के बीच मोबाईल कंपनियों में इस वक्त गला-काट प्रतियोगिता चल रही है, और इसी वजह से कंपनियों को अपने प्राईज कम रखने पड़ रहे हैं। हालात ऐसे पनप चुके हैं कि फोन के निर्माण और ब्रिकी में लगने वाली लागत फोन के रेवन्यू से ज़्यादा पड़ रही है।
गैलेक्सी नोट 7 की खबर से फ्लाईट में मची अफरातफरी
91मोबाइल्स ने कुछ दिन पहले ही यह खबर प्रकाशित की थी कि चीनी स्मार्टफोन निर्माता लेईको ने भारत में अपनी कंपनी के तकरीबन एक हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है तथा साथ ही कंपनी भारतीय रिटेल शॉप्स स् से भी अपनी सेल बंद कर रही है। ऐसे में काउंटरप्वाइंट की यह रिपोर्ट कई मायनों में भारतीय मोबाईल उद्योग के लिए चिंताजनक है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में उपभोग होने वाले स्मार्टफोन्स में करीब 86 प्रतिशत का हिस्सा 10 से 20 हजार की कीमत वाले फोन्स का है और 2017 में 10 हजार की रेंज के पास वाले फोन्स के यूजर्स भी तेजी से बढ़ेंगे।
स्नैपडील देगा 2,000 रुपये तक का कैश
इसके साथ ही इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि देश में नोटबंदी के बाद मोबाईल-टेक वर्ल्ड पर भी बुरा असर पड़ा है और लोगों में करंसी की कमी के चलते भारतीय मोबाईल बाज़ार में निवेशकों को वांछनीय परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं।




















