
भारतीय आॅनलाईन शॉपिंग बाजार में शीर्ष पर बैठी ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट ने कल दुनिया की बड़ी और ऐतिहासिक डील की है। फ्लिपकार्ट ने अपने 77 प्रतिशत से भी ज्यादा शेयर अमेरिका की नामी और दिग्गज कंपनी वालमार्ट को बेच दिए हैं। यह ई-कॉमर्स क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा सौदा है। वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट को 1,600 करोड़ डॉलर यानि तकरीबन 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की कीमत देकर कंपनी शेयर को खरीद लिया है।
वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट के 77 फीसदी से भी ज्यादा शेयर खरीद लिए हैं। फ्लिपकार्ट का यह 77 प्रतिशत हिस्सा जापानी टेक कंपनी सॉफ्टबैंक ने वालमार्ट को बेचा है जिसकी कीमत 16 अरब डॉलर आंकी गई है। इस डील के बाद फ्लिपकार्ट के दो फाउंडर्स में से एक सह-संस्थापक सचिन बंसल अपने शेयर बेच कंपनी से अलग हो जाएंगे।
गौरतलब है कि भारत के 40 प्रतिशत ऑनलाइन बाज़ार पर फ्लिपकार्ट का नियंत्रण है। साल 2007 में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने साथ मिलकर फ्लिपकार्ट की शुरूआत की थी। ये दोनों ही साझेदार पहले अमेजन डॉट कॉम इंक में काम करते थे। इन लोगों ने आॅनलाईन किताबें बेच कर कंपनी की शुरुआत की थी। कल हुए सौदे के पता चला है कि अंर्तराष्ट्रीय बाजार में फ्लिपकार्ट का मूल्य 20.8 अरब डॉलर है यानि 1 लाख 400 करोड़ से भी ज्यादा।
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माना जा रहा है कि वॉलमार्ट की भारत में यह एंट्री इंडियन रिटेल मार्केट में कम दाम पर सामान और ज्यादा वैरायटी वाले प्रोडक्ट्स ला सकती है, जो व्यापार में बेहद ही क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। वहीं दूसरी ओर वॉलमार्ट व फ्लिपकार्ट की इस डील के बाद अमेज़न इंडिया को बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। खैर इतना तो तय है कि ई-कॉमर्स के क्षेत्र में मची यह उथलपुथल न सिर्फ देश में व्यापार को तेज करेगी बल्कि साथ ही भारत में रोजगार के भी अनेंको अवसर पैदा करेगी।



















