
इन दिनों देश में हालात काफी नाजुक हैं। CAA और NRC जैसे कानून ने मानों राष्ट्रा को दो फाड़ में बांट दिया है। बहुत से लोग जहां इस कानून को सही मान रहे हैं तो वहीं अनेकों लोग इन दोनों कानूनों को नागरिकता का हनन कह रहे हैं। CAA और NRC के विरोध में देश के जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई ईलाकों में इन प्रदर्शन ने उग्र रूप लिया है जिसमें सार्वजनिक प्रापॅर्टी के साथ ही आम जनता को भी जान-माल का नुकसान हुआ है। भीड़ में हिंसा न बढ़े तथा कानून को तोड़ा जाए ऐसे प्रयास में सरकार द्वारा अलग अलग क्षेत्रों में कई बार इंटरनेट पर रोक लगाई गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं पूरी दुनिया में अकेला भारत ही ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा इंटरनेट बंद किया जाता है। पेश है इंटरनेट शटडाउन पर ऐसी ही एक रिपोर्ट :
पूरी दुनिया का 67 प्रतिशत इंटरनेट अकेले भारत में बंद
इंटरनेट शटडाउन की बात आती है तो पूरी दुनिया में सबसे पहले भारत का ही नाम आता है। साल 2018 में पूरे विश्व में जितना इंटरनेट बंद हुआ है उसमें 67 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ भारत देश का है। बता दें कि इस बात से इंडियन जहां परेशान है वहीं बाहर देशों के नागरिक हैरान है कि सच में इंटरनेट शटडाउन जैसी कोई चीज भी होती है। इंटरनेट एडवोकेसी ग्रुप ऐक्सेस नाउ और सॉफ्टवेयर फ्रीडम ऐंड लॉ सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2012 से अब तक इंडिया में 373 बार इंटरनेट बंद किया गया है। इंटरनेट शटडाउन डॉट इन के मुताबिक साल 2019 में अभी तक 104 बार इंटरनेट बंद किया जा चुका है।

इन राज्यों में लगा सबसे ज्यादा बैन
रिपोर्ट के अनुसार साल 2012 से 2019 तक इंटरनेट बंद किए जाने वाले टॉप 5 राज्यों की बात करें तो इनमें जम्मू-कश्मीर सबसे उपर है। रिपोर्ट के मुताबिक जेके में 180 बार इंटरनेट बंद किया गया है। इसके साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर आता है जहां 67 बार इंटरनेट को रोका गया है। इस सूची में तीसरे नंबर पर उत्तरप्रदेश मौजूद है जहां 20 बार इंटरनेट बंद हुआ है। 13 बार इंटरनेट बैन के साथ हरियाणा चौथे नंबर पर आता है। और इस लिस्ट में बिहार और गुजरात 11 बार इंटरनेट शटडाउन के साथ पांचवें नंबर पर मौजूद है। बता दें कि कश्मीर में गत 5 अगस्त को इंटरनेट बंद किया गया था, जो अभी भी जारी है। यानि यहां 140 से भी ज्यादा दिन से इंटरनेट बंद है।

इंटरनेट बंद से करोड़ों का नुकसान
सामने आई रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2012 से 2017 तक इंटरनेट बंछ होने से इंडिया को तकरीबन 3 बिलियन डॉलर यानि 300 करोड़ डॉलर तक का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान गुजरात ने झेला है जिसे 1177.5 मिलियन डॉलन की हानि उठानी पड़ी है। जम्मू-कश्मीर को 610.2 मिलियन डॉलर, हरियाणा को 429.2 मिलियन डॉलर, राजस्थान को 182.9 मिलियन डॉलर, यूपी को 53 मिलियन डॉलर और बिहार को इंटरनेट बंद होने से 51.9 मिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।

टेलीकॉम कंपनियों को भी घाटा
इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन (ICRIER) की स्टडी के मुताबिक साल 2012 से 2017 के बीच पूरे देश में तकरीबन 16,000 घंटे इंटरनेट बंद रहा है। सीओएआई के अनुसार टेलीकॉम कंपनियों को इंटरनेट बंद होने से प्रत्येक सर्किल में हर घंटे तकरीबन 2.45 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ता है। बता दें कि सरकार के आदेश के बाद इंटरनेट शटडाउन के लिए टेलीकॉम प्रोवाइडर्स बताए गए इलाकों में अपने ट्रांसमिटिंग टावर्स से सेल्युलर नेटवर्क और मोबाइल फोन इंटरनेट सर्विसेज देने वाले सिगनल्स को ऑफ कर देती हैं।


















